ऐसी संभावनाएं इसलिए दिख रही है कि राज्य सरकार पिछले साल दिल्ली में हुई केंद्रीय समीक्षा बैठक में इस तरह का प्रस्ताव रख चुकी है। वहीं प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय शाह भी एक समारोह के दौरान ये कह चुके है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए चौतरफा प्रयास जरूरी हैं। फिलहाल सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से पढाई कराई जा रही हैं,जबकि बेसिक चीजें सीखने के लिए नर्सरी, एलकेजी,यूकेजी जरूरी हैं।
यही नहीं प्रदेश सरकार अब 10वीं तक की शिक्षा को भी आरटीई के दायरे में लाने की कवायद की जा रही है। ऐसा होने से सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा और वे खुद को प्राइवेट स्कूल में पढऩे वाले बच्चों से कम नहीं आंकेंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यदि सरकारी स्कूलों में नर्सरी,एलकेजी और शुरूआत इन्हीं कक्षाओं का बेस बनने की शुरूआत इन्हीं कक्षाओं से होती है। अगर नींव ही कमजोर रह गई तो हम मजबूत इमारत की कल्पना कैसे कर सकते हैंए इसीलिए हमने यह प्रस्ताव रखा। 10वीं तक की शिक्षा को भी अब आरटीई के दायरे में लाने की पहल की जा रही है।