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तीन योजनाएं बनाईं, करोड़ों रुपए खर्च किए फिर भी स्वर्णरेखा में क्यों बह रहा गंदा पानी

locationग्वालियरPublished: Jan 07, 2020 11:31:48 am

Submitted by:

Gaurav Sen

objection on amrit city development project in gwalior : फिर दूसरी बार एडीबी का प्रोजेक्ट उदय बनाया। अब अमृत योजना में काम कराने का दावा किया जा रहा है।

objection on amrit city development project in gwalior

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ग्वालियर. स्वर्णरेखा के नाम पर तीन बार प्रोजेक्ट बनाए गए, जिनपर करोड़ों रुपए खर्च भी किया गया। पहला प्रोजेक्ट साफ पानी बहाने का था, फिर दूसरी बार एडीबी का प्रोजेक्ट उदय बनाया। अब अमृत योजना में काम कराने का दावा किया जा रहा है। इन तीनों प्रोजेक्ट में नदी में आ रहे सीवर को नहीं रोक पाए और न साफ पानी बहा पाए, जबकि करोड़ों रुपए व्यर्थ चले गए। अधिकारी एक बार सही से प्लानिंग कर लें, ताकि जब कल को भ्रष्टाचार के आरोप लगें तो हम जवाब दे सकें।

यह बात जिले के विधायकों ने कही। वे सोमवार कोजिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में शामिल हुए थे। सांसद विवेक शेजवलकर की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें कैबिनेट मंत्री इमरतीदेवी सुमन, विधायक भारत सिंह कुशवाह, प्रवीण पाठक, मुन्नालाल गोयल, जिपं अध्यक्ष मनीषा यादव, कलेक्टर अनुराग चौधरी, निगमायुक्त संदीप माकिन, जिपं सीईओ शिवम वर्मा सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे। नाले पक्के करने से जलस्तर घटा, 8 नालों के लिए 18 करोड़ का प्लान बना दिया, कौन इंजीनियर है

लश्कर पूर्व विधायक ने कहा कि जब स्वर्णरेखा में नाव चलाने की बात हुई थी तो हमने विरोध किया था, इसके बाद भी नाले का पक्का किया गया। इससे वाटरलेबल नीचे चला गया। अब 18 करोड़ रुपए की लागत से 8 नाले पक्के किए जा रहे हैं। ये कौन इंजीनियर है, जिसने ये प्लानिंग की है। 100 फीट का नाला 20 फीट का कर दिया। इस पर कलेक्टर ने भी सवाल किया कि ये कौन है जो 80 फीट के नाले को 20 फीट का कर रहा है, बाकी जगह अतिक्रमण हो जाएगा। बॉटम को पक्का कर रहे हो, इसकी वजह बताओ?

विधायक बोले, हमारे पास जनता को बताने कुछ नहीं
विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि अगली बैठक से पहले यह तय हो जाना चाहिए कि पहले सीवर, पानी सहित अन्य काम हों फिर सड़क बने। ये लोग आपस में टालमटोल करते रहेंगे तो कुछ नहीं होगा, एक साल निकल गया है, लेकिन हमारे पास उपलब्धि बताने को कुछ नहीं है।

विधायक के सवाल पर सांसद का जवाब

विधायक ने कहा कि ग्वालियर स्विट्जरलैंड नहीं है, एक नाला ऐसा दिखा दो जिसमें सीवर न बह रहा हो। आपने जो 84 नाले चिन्हित किए हैं, क्या उसमें सीवेज नहीं है। प्लानिंग गलत है, शहर भुगतेगा। इस पर सांसद बोले, एडीबी का प्रोजेक्ट उदय इसमें वाटर ट्रीटमेंट का प्लान था, पानी भरने का नहीं था। स्वर्ण रेखा में इसको सही करने का प्लान था।
87 करोड़ कहां गए?

पीएचई : 2007 में हमने प्लान किया था, साफ पानी बहाने का।
विधायक : यह काम निगम को दिया या पीएचई को दिया, इससे हमको क्या लेना देना है, परिणाम क्या निकला। तीन प्लान निकाल दिए और अभी कह रहे हैं, फंड नहीं है। साफ पानी के लिए 87 करोड़ रुपए आए थे वो कहां गए?

कौन कितनी देर बोला
बैठक की शुरुआत ग्रामीण योजनाओं की प्रगति से हुई। ग्रामीण क्षेत्र की समीक्षा में ग्वालियर ग्रामीण विधायक भारत सिंह कुशवाह ने एक घंटे में 20 मिनट बात की। इस पूरे समय सांसद चुप्पी साधे रहे। सांसद ने पहला शब्द मुरार नदी के सर्वे को लेकर 12.47 बजे बोला। महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने एक मिनट, मुन्नालाल गोयल ने चार बार टोकाटाकी की। प्रवीण पाठक चुप्पी साधे रहे। जिपं अध्यक्ष सिर्फ एक लाइन बोले। मिनट्स नहीं मिलने पर नाराज विधायक बोले- पालन प्रतिवेदन मालूम नहीं चलता

विधायक: अमृत योजना को लेकर निगम आयुक्त स्पष्ट करें। अनुरोध के बाद भी पिछली बैठक के मिनट्स नहीं मिले।
जिपं सीईओ: मुझे अभी पता चला कि मिनट्स नहीं मिले हैं।

विधायक : जो विषय हमने उठाए थे उनका उत्तर पालन प्रतिवेदन में नहीं है। दिशा की बैठक से पहले जनप्रतिनिधियों से बात की जाए।
जिपं सीईओ: आखिरी दिन तक जानकारियां आती रहती हैं, इसलिए पालन प्रतिवेदन बैठक से कुछ पहले ही बन पाता है।

विधायक : जो बिंदु छूट जाते हैं, उनको भी शामिल किया जा सकता है।
कलेक्टर : अगली बार हम इसका ड्राफ्ट सर्कुलेट कर देंगे।

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