टीम इंडिया गुरुवार से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट की शुरूआत करेगी, जहां उसके सामने विराट कोहली के नेतृत्व में टीम को खराब दौर से बाहर निकालना और विपक्षी टीम को हराना दोनों ही बड़ी चुनौती होंगी।
मोहाली। लंबे समय बाद अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज के लिए उतर रही भारतीय क्रिकेट टीम गुरुवार से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहां पहले टेस्ट की शुरूआत करेगी, जहां उसके सामने युवा कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में टीम को खराब दौर से बाहर निकालना और नंबर एक विपक्षी टीम को हराना दोनों ही बड़ी चुनौती होंगी।
भारतीय टीम अपने मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में टी-20 और वनडे सीरीज हारने के बाद अब टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करना चाहती है ताकि दक्षिण अफ्रीका का 72 दिवसीय यह दौरा मेजबान टीम के लिये दु:स्वप्न की तरह न बन जाएं।
दक्षिण अफ्रीका का तोड़ना होगा यह रिकॉर्डः
धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद अब विराट इस प्रारूप में टीम का नेतृत्व कर रहे हैं और उनकी कप्तानी में यह पहली घरेलू टेस्ट सीरीज है। श्रीलंका में 22 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद भारत को टेस्ट सीरीज दिलाने वाले विराट के लिए इस बार चुनौती थोड़ी अधिक है।
भले ही वह अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे हों लेकिन उनके सामने टेस्ट की नंबर एक टीम है और सबसे बड़ी बात यह कि दक्षिण अफ्रीका ने पिछले नौ वर्षों में विदेशी जमीन पर कोई टेस्ट सीरीज हारी नहीं है। दुनिया के दिग्गज खिलाड़ियों एबी डीविलियर्स, हाशिम अमला, फाफ डू प्लेसिस, डेल स्टेन, इमरान ताहिर से सजी विपक्षी टीम को उनके पसंदीदा प्रारूप में हराना निश्चित ही भारत के लिए आसान नहीं है।
दो साल बाद घर में टेस्ट खेलेगी टीम इंडियाः
सीमित ओवर सीरीज हारने से भारत का निश्चित ही मनोबल कुछ गिरा है और उसके खिलाड़ी मेहमानों से कुछ अधिक दबाव में तो होंगे। हालांकि रिकार्ड टूटने के लिये होते हैं और जैसा की टीम निदेशक रवि शास्त्री का मानना है कि भारतीय टीम को विश्वास है कि वह अच्छे प्रदर्शन के साथ शुरूआत करेगा और उसके पास इस सीरीज से हासिल करने के लिये काफी कुछ होगा। भारतीय टीम लगभग दो वर्ष के लंबे अंतराल के बाद घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज खेल रही है। इस दौरान उसने न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश और श्रीलंका में 17 टेस्ट खेले हैं। भारत का जहां पिछला टेस्ट रिकार्ड कुछ खास नहीं रहा है तो वहीं दक्षिण अफ्रीका का विदेशी जमीन पर भी रिकार्ड काबिलेतारीफ है और उसकी कोशिश रहेगी कि वर्ष की आखिरी सीरीज का अंत वह सुखद अंदाज में करे और अपने रिकॉर्ड का भी बचाव करे।
तीन स्पिनरों के साथ उतरेगे कोहलीः
दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज प्लेसिस ने टेस्ट से पहले संकेत दिये हैं कि फिट होकर भारतीय टीम में लौट रहे स्टार आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन उनके निशाने पर होंगे। सीमित ओवर सीरीज में चोट के कारण नहीं खेल सके अश्विन अब वापसी कर रहे हैं और शास्त्री ने साफ किया है कि वह मोहाली टेस्ट के लिये पूरी तरह फिट हैं। पिछले खराब प्रदर्शन के बाद अब भारत को अश्विन से काफी उम्मीदें हैं। माना जा रहा है कि मोहाली में भारत तीन स्पिनरों के साथ उतर सकता है। रवींद्र जडेजा की टेस्ट टीम में वापसी के बाद संभव है कि स्पिन विभाग में अमित मिश्रा , जडेजा और अश्विन को उतारा जाए। इसके अलावा टीम का जोर पिच पर भी रहेगा।
स्पिनरों की मददगार होगी मोहाली की पिचः
वनडे सीरीज के निर्णायक मैच में वानखेड़े की पिच को लेकर पहले ही टीम निदेशक शास्त्री और क्यूरेटर सुधीर नाइक का झगड़ा हो चुका है और अब यह तो साफ है कि भारत की कोशिश अपने अनुकूल पिच बनाने की है। मोहाली की पिच पर अभ्यास के लिये उतरने से पहले कप्तान विराट का पिच क्यूरेटर के पैर छूना और अपने अनुकूल परिस्थितियां बनाने पर जोर देना कुछ ऐसी बातें हैं जिससे साफ होता है कि टीम प्रबंधन का ध्यान किस ओर अधिक है। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज प्लेसिस ने भी मैच से पहले मोहाली की पिच का मुआयना किया था और उनके अनुसार पिच पर पहले दिन काफी स्पिन होगी। उम्मीद है कि मोहाली की पिच स्पिनरों के लिये मददगार रहेगी और इसके काफी सूखे और सपाट रहने की भी उम्मीद है। इसलिये भारतीय स्पिनरों खासतौर पर अश्विन, मिश्रा और जडेजा की तिकड़ी पर सभी की निगाहें रहेंगी। हालांकि आमूमन मोहाली की पिच को देश की सबसे तेज पिच माना जाता है लेकिन फिलहाल इसके स्पिन मददगार रहने की ही उम्मीद है। आफ स्पिनर अश्विन फिट होकर लौट रहें हैं तो जडेजा को टीम से बाहर रहने पर सौराष्ट्र के लिये रणजी मैच में जबरदस्त प्रदर्शन करने का तोहफा टीम में वापसी से मिला है और उनकी कोशिश रहेगी कि वह अपनी जगह को मजबूत करें। भारत ने मोहाली में 11 टेस्ट खेले हैं जिसमें पांच जीते हैं और पांच ड्रा रहे हैं जबकि एक हारा है।
भारत ने वर्ष 2010 और 2013 में मोहाली में अपने आखिरी दो टेस्ट आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले थे और दोनों जीते थे। खास बात यह है कि 2013 के टेस्ट में अश्विन ,जडेजा और प्रज्ञान ओझा ने आस्ट्रेलिया के 14 विकेट निकाले थे। इसलिये अंतिम एकादश में जडेजा के खेलने की प्रबल संभावना है। तेज गेंदबाजों में भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और वरूण आरोन अहम होंगे। इशांत शर्मा एक मैच के प्रतिबंध के कारण बाहर हैं।
भारतीय बल्लेबाजी चिंता का विषयः
यदि बल्लेबाजी क्रम की बात करें तो फिलहाल शिखर धवन की फार्म टीम के लिये चिंता का विषय है। ओपनिंग बल्लेबाज धवन लगातार खराब फार्म में चल रहे हैं और उन्होंने सीमित ओवर सीरीज में निराश किया लेकिन उन्होंने अपनी आखिरी दो टेस्ट पारियों में दो शतक लगाए हैं और इसलिये उन्हें पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता है। कप्तान विराट ने भी सीमित ओवर में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया लेकिन उन्होंने वनडे सीरीज के चौथे वनडे में 138 रन की जबरदस्त शतकीय पारी से अपनी फार्म को लेकर जरूर कुछ बेहतर संकेत दिये थे। उम्मीद है कि विराट इस बार ज्यादा जिम्मेदारी के साथ खेलेंगे। विराट के इस बार भी चौथे नंबर पर उतरने की संभावना है क्योंकि इस क्रम में उन्होंने पिछले टेस्ट मैचों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। स्टार बल्लेबाज ने बतौर कप्तान पिछली 11 टेस्ट पारियों में 63.27 के औसत से चार शतक और एक अर्धशतक लगाया है।
आत्मविश्वास से लबरेज है दक्षिण अफ्रीकाः
दूसरी ओर आत्मविश्वास से लबरेज दक्षिण अफ्रीकी टीम पहली बार मोहाली में खेलने उतर रही है और उनकी कोशिश यहां की परिस्थतियों का पूरा फायदा उठाने की है। हालांकि सीमित ओवर सीरीज में खराब फार्म से जूझ रहे टेस्ट कप्तान हाशिम अमला की निजी फार्म जरूर टीम के लिये कुछ परेशानी का सबब है। इसके अलावा इस लंबे दौरे पर उसे खिलाड़ियों की फिटनेस समस्याओं और चोटों से भी जूझना पड़ रहा है। स्टार आलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी भी पूरी तरह फिट नही हैं लेकिन अमला और डीविलियर्स स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा स्पिन गेंदबाजी में दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी स्पिनर इमरान ताहिर स्पिन विभाग में अगुवाई करेंगे जबकि उनके साथ साइमन हार्मर भी मददगार साबित हो सकते हैं।