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ग्वालियर

प्राचीन बावड़ी को सहेजने के बजाय खत्म करने पर तुले, मुहानों को तोड़ भरा मलबा

ताजा मामला लक्ष्मीबाई समाधि स्थल के सामने शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की कॉलोनी के गेट पर स्थित प्राचीन बावड़ी का है, जिसके चारों ओर मुहाने की पटिया तोडकऱ उसमें मलबा भरा जा रहा है

ग्वालियरJan 22, 2019 / 07:03 pm

Rahul rai

step-well

प्राचीन बावड़ी को सहेजने के बजाय खत्म करने पर तुले, मुहानों को तोड़ भरा मलबा

ग्वालियर। शहर में जल संकट के दौरान निगम अफसर और स्मार्ट सिटी के अधिकारी पानी बचाने, वाटर हार्वेस्टिंग और कुएं बावडिय़ों को संरक्षित करने के लिए दावा और अभियान चलाने की बात करते हैं, लेकिन गर्मियां निकल जाने के बाद पानी बचाने का अपना दावा अफसर भूल जाते हैं। कुछ यही हालात इन दिनों शहर में देखने को मिल रहे हैं। ताजा मामला लक्ष्मीबाई समाधि स्थल के सामने शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की कॉलोनी के गेट पर स्थित प्राचीन बावड़ी का है, जिसके चारों ओर मुहाने की पटिया तोडकऱ उसमें मलबा भरा जा रहा है।

वहीं पास में स्थित मैदान का ढाल कर बावड़ी तक तो लाया गया है, लेकिन पानी बावड़ी की दीवार को नुकसान पहुंचाए बिना बावड़ी के बीचो बीच गिरे इसके इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिससे बरसात के दौरान बावड़ी की दीवार ढह जाने का भी खतरा पैदा हो गया है। यह हालात तब हैं जब शहर के लिए दस करोड़ रुपए खर्च करके तिघरा में पानी लाया गया था। वहीं लश्कर दक्षिण विधान सभा में बावडिय़ों का सर्वे कराया गया था। लेकिन संरक्षण के लिए फिलहाल निगम की ओर से कोई प्रयास होते नहीं दिख रहे हैं।
सर्वे हुआ पर शुरू नहीं हो सका सुरक्षा का काम
चंबल से पानी लाने से पहले कुओं को अतिक्रमण से मुक्त कराकर फिर से जिंदा किया जाए, आसपास की कॉलोनियों, सडक़ों और पार्कों के पानी का रास्ता उक्त कुओं की तरफ किया जाए तो शहर को हमेशा के लिए जल संकट से बचाया जा सकता है। ज्ञात हो कि निगम ने इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत सर्वे भी कराया था, जिसे 5 माह का समय हो चुका है, लेकिन उक्त सर्वे के बाद भी निगम ने अभी तक कुएं बावडिय़ों को संरक्षित करने का काम शुरू नहीं किया है।

दक्षिण विधानसभा में हुआ था सर्वे
कहां कितने कुएं बावड़ी
कुएं -वार्ड
66 -38
43- 54
42 -34
42 -37
39 -34
37- 51
36- 49
33 -35
28 -43
26 -53
21 -50
20 -46
17- 55
16 -48
14 -40
13- 41
08- 44
06 -42
07 -47

एक नजर
573-कुएं हैं
23- बावडिय़ां
01- हनुमान बांध
321- कुएं बंद कर दिए गए
62- कुओं में पीने योग्य पानी
82- कुओं में भरा है कचरा
12-का पानी पीने योग्य नहीं
बचाएंगे बावड़ी
हमने शहर की कई बावड़ी और कुओं को साफ कर उन्हें संरक्षित किया है। उक्त बावड़ी की जानकारी मुझे नहीं है। मैं कल ही मौके पर जाकर उसे देखूंगा और उसे संरक्षित करने की प्लानिंग की जाएगी।
शिशिर श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी नगर निगम
बना रहे योजना
हाईकोर्ट के आदेश के तहत शहर के सभी कुएं बावडिय़ों को संरक्षित किया जाना है, इसके लिए सर्वे भी कराया गया है। इस पर जल्द ही नगर निगम द्वारा एक्शन लिया जाएगा।
विनोद शर्मा आयुक्त नगर निगम

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