पुलिस ने बताया संजय ने शव को देखकर पहचानने से मना कर दिया। वारदात पता चलने पर सूर्या की बहन और भाई भी आ गए। उन्होंने सोने की अंगूठी से पहचान लिया कि शव सूर्या का ही है। संजय झूठ बोल रहे हैं, पुलिस ने भांप लिया। उन्हें रांउडअप कर थाने ले गई। रात तक जुर्म को छिपाने की कोशिश की लेकिन फिर टूट कर सच बयां कर दिया। उसने पुलिस को बताया कि पत्नी सूर्या भी सरकारी नौकरी में थीं, इसलिए उन्हें तबज्जो नहीं देती थीं। दोनों में वर्चस्व को लेकर विवाद होता था। शुक्रवार रात को भी दोनों में झगड़ा हुआ। सूर्या ने गुस्से में उन्हें धक्का दे दिया। पत्नी के रवैये से वह आवेश में आकर उनका गला दबा कर मार डाला।
बोरे में शव को ठूंसा, पेट्रोल खरीदा और ले जाकर फूंका
संजय ने पुलिस को बताया कि हत्या के बाद शव को बोरे में ठूंसकर एक्टिवा स्कूटर पर आगे रखा। सिटी सेंटर में पेट्रोल पंप से दो लीटर पैट्रोल खरीदा। शव को न्यू कलेक्ट्रेट के पास जंगली हिस्से में ले जाकर झाडिय़ों के बीच पटका। दोनों बोतलों में भरा पेट्रोल उसके ऊपर उड़ेल कर आग लगाई। आसपास बस्ती थी तो वहां ज्यादा देर रुकने पर पकडे जाने का डर था, उम्मीद थी कि शव का उपरी हिस्सा जल जाएगा तो उसकी पहचान नहीं होगी।
थाने जाकर गुमइंसान दर्ज कराया
हत्या के बाद थाने जाकर पुलिस से कहा कि उनकी पत्नी सुबह मोतीमहल डयूटी गई थीं। वहां से वापस नहीं लौटी हैं। शक नहीं हो इसलिए थाने में काफी हो हल्ला भी किया। गुमइंसान दर्ज होने के बाद एसपी सांघी को फोन लगाकर कहा कि पुलिस उनकी पत्नी को तलाशने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है वह कार्रवाई के लिए बोलें।