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270 स्कूलों में एक शिक्षक, क हीं तीन कक्षाओं के बीच एक अध्यापक, कैसे सुधरेगा पढ़ाई का स्तर

locationग्वालियरPublished: Aug 21, 2018 08:15:45 pm

Submitted by:

Rahul rai

अब तक शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के एेसे कई स्कूल है जिनकी कक्षाएं शिक्षक विहीन है। प्राइमरी, मिडिल व हाईस्कूलों की संख्या अच्छी खासी है जहां अब तक शिक्षक तैनात नहीं हो सके

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270 स्कूलों में एक शिक्षक, क हीं तीन कक्षाओं के बीच एक अध्यापक, कैसे सुधरेगा पढ़ाई का स्तर

ग्वालियर। स्कूलों में पढ़ाई शुरू हुए दो महीने का समय व्यतीत हो चुका है। अब तक शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के एेसे कई स्कूल है जिनकी कक्षाएं शिक्षक विहीन है। प्राइमरी, मिडिल व हाईस्कूलों की संख्या अच्छी खासी है जहां अब तक शिक्षक तैनात नहीं हो सके। वहीं शहर का सबसे अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा देने वाला मॉडल हायर सेकंडरी स्कूल भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। यहां स्थायी तौर पर प्राचार्य तैनात है। अटैचमेंट सिस्टम पर दो शिक्षिकाएं पढा़ती चली आ रही हैं। खास बात ये है कि जिले में 270 स्कूल एेसे हैं जो एक शिक्षक के भरोसे हैं।

शासन के आदेशानुसार जिले भर के प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों को 15 जून से रेग्यूलर संचालित किया जा रहा है। इन स्कूलों को खोले जाने के बाद उनमें शिक्षकों की कमी को दूर किए जाने पर शासन व स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों का फोकस नहीं रहा है। जिन स्कूलों में शिक्षक ों की कमी बनी हुई है उनमें अध्यापन कार्य पूरी तरह से चरमराया हुआ है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी एेसे स्कूलों में अध्यापकों की कमी को दूर किए जाने को लेकर असहाय बने हुए है। वे भी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर राह देख रहे हैं। शासन द्वारा ऑन लाइन अतिथि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया किए जाने से भर्ती किए जाने में विलंब हो रहा है।
इन स्कूलों में बनी शिक्षकों की कमीं
शहर के मोहनपुर में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा है। इसी तरह बुलबुल का पुरा है। यहां पर भी शिक्षक की कमी खल रही है। सेवन बटालियन स्कूल में प्राचार्य नियुक्त है, यहां भी शिक्षकों का अभाव बना है। शासकीय हाईस्कूल गणेशपुरा में भी केलव प्राचार्य तैनात है। ये स्कूलों में अध्यापन कार्य अतिथि शिक्षकों के भरोसे हैं।
270 स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे
जिले में सरकारी स्कूलों की संख्या करीब 1927 है, जिनमें 270 स्कूल एक शिक्षकों के भरोसे हैं। ये स्कूल प्राइमरी, मिडिल व उन्नयन हाईस्कूल है। इसके अलावा एेसे कई स्कूल है जिनमें छात्रों की संख्या अच्छी खासी है, लेकिन एक शिक्षक द्वारा कक्षा एक, दो और तीसरी को एकीकृत करके पढ़ाई कराई जा रही है। इसी तरह मिडिल व हाईस्कूल भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। मिडिल, हाईस्कूल व हायर सेकंडरी में विषयवार शिक्षक न मिलने से छात्रों के विषय कमजोर रहे हैं।
जिन स्कूलों में अध्यापक व शिक्षकों की कमी बनी हुई है। एेसे स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की जल्द भर्ती होगी।
ममता चतुर्वेदी
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी

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