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निगम अफसरों की खुली पोल, कलक्टर को ये भी नहीं बता पाए कब से शुरू होता है स्वच्छता वर्ष

locationग्वालियरPublished: Mar 18, 2019 01:58:17 am

Submitted by:

Rahul rai

यह तक नहीं बता पाए कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता वर्ष कब से कब तक मनाया जाता है, इस पर कलक्टर ने कहा कि जब आप लोगों को स्वच्छता का बैसिक ही नहीं पता है तो कैसे तैयारी कर रहे हैं।

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निगम अफसरों की खुली पोल, कलक्टर को ये भी नहीं बता पाए कब से शुरू होता है स्वच्छता वर्ष

ग्वालियर। स्वच्छता की रैंकिंग में शहर के शर्मनाक प्रदर्शन पर कलक्टर अनुराग चौधरी ने रविवार को नगर निगम अफसरों की जमकर क्लास ली। उन्होंने अफसरों से पूछा कि रैंकिंग में शहर क्यों पिछड़ा? इस पर अफसर बगलें झांकने लगे। वह यह तक नहीं बता पाए कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता वर्ष कब से कब तक मनाया जाता है, इस पर कलक्टर ने कहा कि जब आप लोगों को स्वच्छता का बैसिक ही नहीं पता है तो कैसे तैयारी कर रहे हैं। निगम अफसर स्वच्छता पर ठीक से प्रजेंटेशन तक नहीं दे सके, जिस पर कलक्टर ने जमकर फटकार लगाई।
बाल भवन में आयोजित हुई स्वछच्ता बैठक में कचरा प्रबंधन अधिकारी आरके शुक्ला ने बोलना शुरू किया तो कलक्टर ने उन्हें रोककर कहा कि इस अभियान के बारे में अपर आयुक्त या आयुक्त ही जवाब देंगे, इनसे छोटा कोई अफसर लीड नहीं करेगा। कलक्टर ने कहा कि कचरा कलेक्शन करने वाली ईकोग्रीन कंपनी का दूसरे शहरों में काम देखने के बाद समीक्षा की जाएगी कि कंपनी को आगे रखना है कि नहीं। बैठक में नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन, अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव, नरोत्तम भार्गव, स्मार्ट सिटी सीईओ महीप तेजस्वी सहित निगम के अधिकारी और ईको ग्रीन कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
ईकोग्रीन कंपनी को दी हिदायत, विचार करेंगे
कलक्टर चौधरी ने ईकोग्रीन के अफसरों से पूछा कि आपकी कंपनी कहां की है, इस पर प्रतिनिधियों ने बताया कि चाइना बेस्ड है। इस पर कलक्टर ने पूछा कि आप कहां-कहां काम कर रहे हैं और कितने वर्षों से काम कर रहे हैं। प्रतिनिधियों ने बताया कि कंपनी दो वर्ष से गुरुग्राम, लखनऊ आदि शहरों में भी काम कर रही है। इस पर कलक्टर ने कहा कि कंपनी का अनुभव दो साल से ज्यादा नहीं है, आप दूसरी जगह कैसा काम कर रहे हैं, यह देखना बहुत जरूरी है। अपर आयुक्त भार्गव को निर्देश दिए कि वह इन शहरों के आयुक्तों से बात कर पता लगाएं कि कंपनी वहां कैसा काम कर रही है। अगर प्रोगे्रस रिपोर्ट सही नहीं मिलेगी तो कंपनी के बारे में विचार किया जाएगा। उन्होंने कंपनी प्रतिनिधियों से पूछा कि सभी वार्डों में कचरा कलेक्शन का काम होना था तो फिर 38 वार्डों में ही काम क्यों कर रहे हो, वाहन क्यों नहीं बढ़ा रहे, आपके कारण शहर की रैंकिंग पिछड़ती है। आप काम करोगे तो ही टिक पाओगे। 5 हजार में से 1200 अंक आपके ही हैं। शहर तो आपके कारण ही पिछड़ रहा है।
अपर आयुक्त को स्वच्छता प्रभारी बनाएं –
छोटी-छोटी जगहों पर बेहतर प्रजेंटशन बनाए गए हैं, आपके यहां कोई प्रजेंटेशन ही नहीं हैं। आपके यहां कोई प्रभारी ही नहीं हैं, इसके लिए तो अपर आयुक्त या आयुक्त को लीड करना चाहिए। कलक्टर ने अपर आयुक्त को स्वच्छता मिशन का प्रभारी बनाने के निर्देश आयुक्त को दिए।
किन बिंदुओं पर पिछड़े-
कलक्टर ने कहा कि यह बताएं कि भोपाल, इंदौर से हम किन-किन ङ्क्षबदुओं पर पीछे रहे। अब काम उन बिंदुओं पर करो जिन पर तत्काल पूरा हो सके।

जन जाग्रति के लिए कार्य करें-
स्वच्छता के प्रति लोगों में जन जाग्रति लाने निरंतर कार्य किए जाएं। इसमें स्कूली छात्र-छात्राओं को जोड़ा जाए। मैरिज गार्डनों, होटलों और बड़े संस्थानों से कचरा गीला एवं सूखा अलग-अलग एकत्र हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
पब्लिक टॉयलेट रोज साफ हों-
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को कचरे का निष्पादन करने के भी निर्देश दिए जाएं। पब्लिक टॉयलेट के आसपास बोर्ड लगाए जाएं, सभी टॉयलेट प्रतिदिन साफ हों।

पॉलीथिन के लिए चलाएं अभियान-
पॉलिथिन का उपयोग प्रतिबंधित कर देने के आदेश पर्याप्त नहीं हैं। इसका उपयोग न हो, इसके लिए निगम व्यापक अभियान चलाकर कार्रवाई करे। जिन प्रतिष्ठानों पर पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है, उन पर जब्ती के साथ दण्ड लगाने की कार्रवाई करें। अभियान के प्रथम चरण में बड़े प्रतिष्ठानों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए।
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