जिला शिक्षा केन्द्र के अनुसार “हमारा घर हमारा विद्यालय” कार्यक्रम के तहत रोज सुबह 10 बजे से 11 बजे तक “देखना” गतिविधि होगी। जिसमें जॉयफुल लर्निंग (आनंददायक पढ़ाई) एवं डिजिलेप के वीडियो वॉट्सऐप पर दिखाए जाएंगे। प्रात: 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक “सुनना” गतिविधि के तहत रेडियो कार्यक्रम सुनकर बच्चे परिवार के सदस्यों से चर्चा करेंगे। दोपहर 12 बजे से एक बजे तक “लिखना” गतिविधि होगी। जिसमें वर्कबुक पर हिंदी, अंग्रेजी का एक-एक पृष्ठ लेखन कार्य कराया जाएगा। साथ ही गणित के गिनती-पहाड़े मौखिक रूप से याद कराए जाएंगे। हर हफ्ते सोमवार से शुक्रवार अपरान्ह 4 से 5 बजे तक खेल, कला एवं स्वास्थ्य व पोषण शिक्षा की पढ़ाई कराई जाएगी। हर शनिवार को मस्ती की पाठशाला में रेडियो बाल सभा होगी। सायंकाल 7 से 8 बजे तक कहानी सुनना एवं कहानी रचना गतिविधि कराई जाएंगी।
घंटी या थाली बजाकर करेंगे शुभारंभ
“हमारा घर हमारा विद्यालय” का शुभारंभ विद्यार्थी के परिवार के सदस्यगण प्रात: 10 बजे घंटी या थाली बजाकर करेंगे। दोपहर एक बजे अवकाश होगा, जिससे बच्चे घर में ही विद्यालय का वातावरण महसूस कर सकें। कार्यक्रम को बेहतर ढंग से संचालित कराने के लिये शिक्षकों की भी जवाबदेही निर्धारित की गई है। शिक्षकगण प्रतिदिन 5 विद्यार्थियों से मोबाइल फोन से चर्चा कर कार्यवाही का विवरण संधारित करेंगे। विद्यालय समय में हर दिन किन्हीं 5 बच्चों के घर जाकर गृह संपर्क अभियान के रूप में “हमारा घर हमारा विद्यालय” कार्यक्रम की वस्तुस्थिति देखकर फीडबैक देंगे।