रविवार को हिन्दू महासभा के दौलतगंज स्थित कार्यालय पर हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया। इसमें महासभा के वरिष्ठ नेता डॉ.जयवीर भारद्वाज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस की आपसी खींचतान विकास कार्यों में बाधक है। ये आरओबी पूरी तरह से तैयार होने के बावजूद अभी तक एक ओर से आमजन के लिए बंद है। इसे खोलना ही चाहिए। यदि इसे नहीं खोला जाता है तो 27 जुलाई को सुबह 11 बजे नारियल फोडकऱ वैदिक मंत्रोच्चारण से इसका लोकार्पण कर देंगे।
हम कराएंगे लोकार्पण
हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता- डॉ. जयवीर भारद्वाज ने इस मुद्दे पर कहा, दोनों ही पार्टियां श्रेय की राजनीति करने में जुटी हैं, इससे जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके चलते हमने निर्णय लिया है कि जनता को ही साथ लेकर 27 जुलाई को इसका लोकार्पण करवा देंगे। इसके लिए सभी को आमंत्रित भी किया जाएगा।
पुल के लिए नहीं होनी चाहिए श्रेय की राजनीति
पड़ाव स्थित आरओबी को खोलने के लिए हो रही श्रेय की राजनीति को लेकर जहां आमजन इसे गलत बता रहे हैं वहीं कांग्रेस और बीजेपी के वरिष्ठ नेता का भी यही कहना है कि पुल के लिए श्रेय की राजनीति करना ठीक नहीं है। ये पुल आम जनता के लिए बना है, इसलिए उनके लिए खोल देना चाहिए। पत्रिका ने दोनों ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की-
कांग्रेस |
जनता खुद ही निकल जाए पुल से
जिस तरह से पहले एक हिस्से से जनता ने खुद ही निकलकर पुल चालू कर दिया था, और आने जाने लगे थे वैसे ही दूसरे हिस्से में भी खुद ही निकल जाना चाहिए।इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
चंद्रमोहन नागोरी, वरिष्ठ नेता
जनता के लिए खोला जाना चाहिए
जनता के लिए इसे खोला जाना प्राथमिकता होनी चाहिए। इसमें किसी तरह की राजनीति का सवाल ही पैदा नहीं होता है, क्योंकि जो चीज आमजन के लिए बनाई गई है उस पर उन्हीं का पहला हक बनता है।
रामवरण सिंह गुर्जर, वरिष्ठ नेता
भाजपा |
श्रेय की राजनीति हो रही है
पुल को खोलने के लिए भी श्रेय की राजनीति की जा रही है, जो नहीं होना चाहिए। इससे जनता को परेशानी हो रही है। इसमें किसी को भी अड़ंगा नहीं लगाना चाहिए। ये पुल जनता के लिए बनाया गया है।
राज चड्ढा, वरिष्ठ नेता
पहले नहीं होती थी ऐसी राजनीति
पहले इस तरह की राजनीति नहीं होती थी, क्योंकि नेता भी कम थे। आज वैचारिक स्तर में गिरावट होने के चलते ऐसा हो रहा है। श्रेय की राजनीति के लिए ही ऐसा किया जा रहा है। पुल का जनता से ही लोकार्पण करा देना चाहिए।
अशोक बांदिल, पूर्व उपाध्यक्ष, बीजेपी