कलेक्टर अनुराग चौधरी पुल में तकनीकी खामी होने की बात कह रहे हैं, जबकि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का साफ कहना है कि पुल में कोई कमी नहीं है, ट्रैफिक के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। दोनों पार्टियों के नेताओं और प्रशासन के अधिकारियों के इस रवैये से शहर के लोगों में आक्रोश पनप रहा है, क्योंकि उन्हें रोज ट्रैफिक जाम की समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि पुल जनता की सहूलियत के लिए बना है, झंडी दिखाने की होड़ में लोगों को बिना वजह परेशान किया जा रहा है। उस पर से लोग निकलना शुरू नहीं कर दें, इसलिए उसके दोनों छोर पर बागड़ और पहरा लगा दिया है।
गुरुवार शाम को पत्रिका ने पुल पर स्थिति का जायजा लिया तो लोगों में गुस्सा दिखा। लोगों का कहना था कुछ महीने पहले पुल का पहला हिस्सा शुरू हुआ तब भी फीता काटने की खींचतान का तमाशा देखा। उसके बाद आचार संहिता और पुल में तकनीकी खामियां एवं दूसरे कारण बताकर दूसरे हिस्से का काम रोका गया। अब वह भी तैयार हो गया है तो राजनीतिक दलों में झंडी दिखाने की लड़ाई पूरे शहर को यातायात के जाम में फंसाए हुए है।
पुल पर पहरा, फिर भी निकल रहे लोग
पुल के दूसरे हिस्से पर लोगों के निकलने पर पाबंदी है। दोनों छोर पर बेरिकेड्स लगाकर पुलिस निगरानी कर रही है। हालांकि यहां ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों की दलील है वह तो पुल पर रॉन्ग साइड जाने वालों को रोकने के लिए खड़े हैं। इसके बावजूद कई दो पहिया वाहन चालक आरओबी के बंद हिस्से से निकल रहे हैं। आरओबी का एक हिस्सा मार्च में खोल दिया गया था। दूसरा हिस्सा भी करीब 1 महीने से तैयार है। कलेक्टर, निगमायुक्त, पुलिस अधिकारी आए दिन ब्रिज का निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन उद्घाटन की तारीख नहीं बता रहे हैं। ब्रिज का उद्घाटन 17 जुलाई को ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किए जाना था, लेकिन भाजपा के विरोध को देखते हुए टाल दिया गया।
तीन-चार दिन में नतीजे पर पहुंचेंगे
पड़ाव आरओबी के मामले में 3 या 4 दिन में नतीजे पर पहुंच जाएंगे।
अनुराग चौधरी, कलेक्टर
ब्रिज पूरी तरह तैयार
ब्रिज पूरी तरह से तैयार है, प्रशासन से जैसे ही उद्घाटन को लेकर हरी झंडी मिलती है इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
एमएस जादौन, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी ब्रिज
राजनीति में नहीं फंसे ट्रैफिक शुरू हो
नए आरओबी के दूसरे हिस्से पर यातायात शुरू हो तो पुराने पुल पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। इसे राजनीति में नहीं उलझाना चाहिए। दूसरे हिस्से पर ट्रैफिक शुरू होना चाहिए। इससे शहर के लोगों को राहत मिलेगी।
राहुल शिवहरे,कंस्ट्रक्शन कारोबारी
प्रिंसिपल के साथ निगमायुक्त ने लिया जायजा
ग्वालियर पड़ाव पर बने नए आरओबी के दूसरे हिस्से से सिंधिया कन्या स्कूल के अंदर सब साफ नजर आ रहा है, इसलिए सुरक्षा के प्रति चिंतित स्कूल प्रबंधन ने निगमायुक्त से यहां व्यवस्था करने के लिए कहा है। इस पर गुरुवार को निगमायुक्त संदीप माकिन ने प्राचार्य के साथ स्थिति का जायजा लिया और यहां आड़ के लिए इंतजाम करने की बात कही। आरओबी के दूसरे हिस्से से एसकेवी का प्रांगण साफ दिखाई दे रहा है। यहां तक कि हॉस्टल भी दिख रहा है। स्कूल प्रबंधन ने ऊंची दीवार बनाने की कोशिश भी की, लेकिन वह टिक नहीं सकी और गिर गई। इससे प्रबंधन सुरक्षा को लेकर आशंकित है।
गत दिवस ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हुई अधिकारियों की बैठक में यह मामला सामने आया था। इस पर गुरुवार को निगमायुक्त, जीडीसीए अध्यक्ष प्रशांत मेहता, प्राचार्य निशी मिश्रा स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। अधिकारियों ने देखा तो पुल से स्कूल परिसर साफ दिखाई दे रहा था।
कोई भी झंडी दिखा दो, परेशान मत करो
पुल जनता की सहूलियत के लिए बना है। पहले पुल को छोटा बनाया फिर और फेरबदल हुए। कई बार मानसिंह चौराहे को आगे पीछे सरकाया। अब सब ठीक हो चुका है तो पुल पर जनता को चलने रोका जा रहा है। झंडी कोई भी दिखा दो, लोगों को परेशान मत करो।
राकेश शर्मा, अभिभाषक गांधी नगर
जनता की परेशानी कोई नहीं समझ रहा
नया पुल बनकर तैयार है, फिर भी लश्कर और मुरार का यातायात बिना वजह बाधित किया जा रहा है। कोई भी लोगों की परेशानी को समझने को तैयार नहीं है। उद्घाटन एक बार होता है, कुछ महीने पहले पुल का एक हिस्सा नाटकीय अंदाज में खोला जा चुका है, तो जाहिर है कि पुल जनता के लिए खोल दिया गया। अब दोबारा उसके शुभारंभ की जरूरत क्या है।
राकेश राजपूत, पुरानी छावनी