-पीएचई के कुछ अफसर पिछले साल की तरह शहर में जल संकट पैदा करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इनकी मंशा है कि तिघरा गर्मियों से पहले खाली हो जाए, जिससे पेहसारी और अपर ककेटो से पानी पंप करने के लिए शासन पर दबाव बनाकर कम से कम दस करोड़ रुपए सूखा राहत के तहत स्वीकृत कराए जाएं और पांच करोड़ रुपए नए बोर और जल परिवहन के नाम पर लाए जा सकें। हालांकि कलक्टर भरत यादव ने ऐसे अफसरों की मंशा पर लगाम कस दी है।
पीएचई के अफसरों ने पिछले साल गलत जानकारी देकर पहले कोर्ट और प्रमुख सचिव जुलानियां को गुमराह कर शहर में कम पानी होने के बावजूद प्रतिदिन पानी शुरू कराकर बांध को खाली करवा दिया था। ऐसे हालात में सरकार को मजबूरन 10 करोड़ रुपए सूखा राहत से देने पड़े। यह अफसर फिर से तिघरा को खाली करने की योजना बना रहे हैं, इससे शासन को अवगत कराया जाएगा।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम
तिघरा का जल स्तर कम हो गया है, जो चिंता की बात है। इसके लिए हम पेहसारी से पानी छोड़ चुके हैं। बुधवार को अपर ककेटो से भी पानी छोड़ा जाएगा, ताकि तिघरा के लेवल को गिरने से रोका जा सके।
राजेश चतुर्वेदी, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग