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रिवाल्वर रानी फिल्म के सेट डिजाइनर की मौत, मुंबई जाने से पहले हुआ हादसे का शिकार कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि वे एक-दो दिन में उनकी अनुशंसा करके दस्तावेजों को आगे की कार्रवाई के लिए अग्रेषित कर देंगे। एक अक्टूबर १९९८ में पाकिस्तान स्थित सिंध प्रांत के करांची शहर से भारत का वीजा लेकर दो बहनें साहिस्ता व शगुप्ता खान शिवपुरी में अपनी एक रिश्तेदारी में आयोजित शादी समारोह में शामिल होने आई थी।
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सिंधिया को 27 साल पुराने केस में लगा झटका,अब यह करने के दिए निर्देश इस विवाह समारोह में आए शिवपुरी के दो युवाओं को इन बहनों ने अपना जीवन साथी बनाने का निर्णय ले लिया। जिस वीजा पर यह बहनें शिवपुरी आई थीं, उसी दौरान उन्होंने शिवपुरी में रहते हुए विवाह भी कर लिया। चूंकि वीजा की समयावधि खत्म होने के बाद उसे रिन्यू कराना पड़ता है, जिसे वे समय-समय पर रिन्यू कराती रहीं।
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यह युवती नहीं करना चाहती थी शादी,फिर हुआ ऐसा और इस हाल में मिली मां को बरसों से भारत की आवोहवा में घुल-मिल चुकीं इन बहनों ने यहां की नागरिकता पाने के लिए वर्ष 2006 से प्रयास करना शुरू किया। इस दौरान उनके सभी दस्तावेजों के अलावा पाकिस्तान से नागरिकता छोडऩे का प्रमाण पत्र भी लाकर दिया गया। उनके दस्तावेज शिवपुरी प्रशासन द्वारा भोपाल भेजे गए, जहां से उन्हें दिल्ली भेज दिया गया।
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दुल्हन बनने से 48 घंटे पहले युवती ने परिजनों को चकमा देकर किया ऐसा काम,हर किसी के मुंह से निकली यह बात पिछले वर्ष शगुप्ता खान को तो भारतीय नागरिकता मिल गई, जबकि साहिस्ता के दस्तावेजों में अभी भी कमी बताई जाकर चक्कर कटवाए जा रहे हैं। आज वे कलेक्ट्रेट में अपने पति एजाज के साथ आवेदन लेकर आईं और कलेक्टर से भारत की नागरिकता दिए जाने की मांग की। शक्ल देखते ही कलेक्टर समझ गए कि यह किस काम के लिए आए हैं, क्योंकि इससे पूर्व भी वे कई बार आ चुके थे। कलेक्टर ने कहा कि मैं एकाध दिन में आपके दस्तावेज आगे कार्रवाई के लिए भेज देंगे।