scriptपापा साइकिल से अचार बेचते हैं और बेटी ने मेडल से भर दिया घर | Papa sells pickles by bicycle and daughter fills the house with medals | Patrika News

पापा साइकिल से अचार बेचते हैं और बेटी ने मेडल से भर दिया घर

locationग्वालियरPublished: May 23, 2022 01:30:17 pm

Submitted by:

Mahesh Gupta

उम्र से अधिक मेडल हनी के पास, टीचिंग के पैसों से बुन रहीं भविष्य के सपने

पापा साइकिल से अचार बेचते हैं और बेटी ने मेडल से भर दिया घर

पापा साइकिल से अचार बेचते हैं और बेटी ने मेडल से भर दिया घर

ग्वालियर.
सफलता की कोई उम्र नहीं होती। इसे जोश, जज्बा और जुनून से किसी भी उम्र में पाया जा सकता है। यही जुनून नजर आता है 22 साल की हनी गुर्जर में। अपनी उम्र से अधिक मेडल और ट्रॉफी उनके पास हैं। ग्वालियर की हनी देशभर में होने वाली कराते चैंपियनशिप का हिस्सा बनकर शहर का नाम रोशन कर चुकी हैं। अभी हाल ही में उन्होंने खेलो इंडिया में कराते में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसके साथ ही उनके पास 17 गोल्ड मेडल, 5 सिल्वर और 3 ब्रांज मेडल हैं। अब डिस्ट्रिक्ट, स्टेट और नेशनल के बाद वह इंटरनेशनल चैंपियनशिप की तैयारी कर रही हैं। उनका सपना ओलंपिक में भारत के लिए खेलना है।
मम्मी का सपने को बना लिया अपना
हनी ने बताया कि जब मैं 13 साल की थी। मम्मी ने पेपर में कराते की खबर पढ़ी, जिसमें एक खिलाड़ी ने कराते में मेडल जीता था। अगले दिन सुबह वह मुझे हॉकी स्टेडियम ले गईं और कराते कोच माया परमार से मिलाया। उन्होंने मुझे कराते की क्लास दी। मम्मी का सपना था कि मैं कराते में मेडल लाऊं। 2015 में मैंने पहला डिस्ट्रिक्ट कराते चैंपियनशिप में पार्टिसिपेट किया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसके बाद जो सिलसिला शुरू हुआ तो वह अभी तक जारी है।
चैंपियनशिप का खर्च निकालने स्कूल जॉइन किया
हनी ने बताया परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। मेरे पापा साइकिल में अचार बेचते हैं और मां को हार्ट प्रॉब्लम रहती है। इसके पहले वह सिलाई करती थीं, जो बीमारी के कारण छोडऩी पड़ी। जब मैं चैंपियनशिप में जाती तो खर्च बहुत लगता। लेकिन मैं अपने सपनों को खोना नहीं चाहती थी। इसलिए पापा की परमीशन लेकर मैंने स्कूल में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। कुछ जगह कराते क्लास भी ली। बस उससे जो अर्निंग होती चैंपियनशिप में पार्टिसिपेट करती गई और मेडल लाती गई।
सपने जरूर देखें और उसे पूरा करने जी जान लगा दें
अभी मुझे इंटरनेशनल में खेलने जाना है। इसके लिए मैं रोजना 8 घंटे प्रैक्टिस कर रही हूं। बेटियों को मैं यह संदेश देना चाहती हूं कि वे सपने जरूर देखें और उसे पूरा करने जुट जाएं।

ये अवार्ड इनके नाम
– 2017, 2018 और 2019 में डिस्ट्रिक्ट कराते चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल।
– 2018 और 2019 में स्टेट कराते चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल।
– 2020 में स्टेट कॉम्पीटिशन में गोल्ड मेडल।
– 2020 चेन्नई में नेशनल कॉम्पीटिशन में ब्रांज मेडल।
– 2022 में खेलो इंडिया में गोल्ड मेडल।

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