कोटा बैराज से पानी का डिस्चार्ज कम होने के कारण चंबल नदी का जलस्तर शनिवार को कम हो गया। शुक्रवार को खतरे के निशान से भी पांच फीट ऊपर चल रही चंबल में रातभर पानी घटा और शनिवार की सुबह 8 बजे जलस्तर खतरे के निशान से चार फीट नीचे आ गई। वहीं पार्वती नदी भी शुक्रवार को खतरे के निशान से 20 फीट ऊपर चल रही थी, वो शनिवार की सुबह नीचे आ गई।
यही वजह रही कि श्योपुर-बारां हाइवे पर सूरथाग पुल से आवागमन शुरू हो गया, लेकिन खातौली पुल डूबा रहने से श्योपुर-कोटा मार्ग बंद रहा। जबकि श्योपुर-सवाईमाधोपुर मार्ग पर भी दांतरदा के निकट चंदाड़ा की पुलिया से पानी कम होने के बाद शनिवार को आवागमन बहाल हो गया। वहीं दूसरी ओर चंबल और पार्वती नदियों का जलस्तर कम होने के बावजूद अभी सूंडी और सांड गांव टापू ही बने हुए हैं। यही वजह है कि दोनों गांवों सहित नदियों किनारे के अन्य दो दर्जन गांवों में प्रशासन का अलर्ट यथावत है। चूंकि मालवा और हाड़ौती में बारिश जारी है, लिहाजा अभी बांधों से पानी छोडऩे की संभावनाएं हैं, जिसके चलते प्रशासन की टीमें अलर्ट मोड पर है।
नदियों की बाढ़ से फसलें तबाह
चंबल और पार्वती नदियों के उफान में नदी किनारे के गांवों में सैकड़ों हेक्टेयर रकबे में किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। कुहांजापुर, बड़ौदिया बिंदी, जलालपुरा, सूंडी, झोपडिय़ां, इचनाखेड़ली, कीरपुरा, सामरसा, दांतरदा, जैनी, रिझेंटा, जमूर्दी, खैरोदाकला सहित अन्य किनारे के गांवों के नदी क्षेत्र में स्थित खेतों में धान, सोयाबीन, तिली आदि सहित अन्य फसलें खराब हो गई है। नदियों का जलस्तर कम होने के बाद शनिवार को किसान अपने खेतों से पानी की निकासी करते भी नजर आए। इधर पार्वती नदी का पानी उतरने के बाद सूरथाग पुल के राजस्थान वाले हिस्से में कीचड़ हो गया, जिससे वाहन चालकों को काफी परेशानियां आई।
मन भर बरसा सावन, अब भादौ की बारी
जिले में इस बार सावन माह भी झूमकर बरसा है। गत 18 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक रहे सावन मास में 398. 8 मिमी बारिश हुई है। यानि इस सीजन में अभी तक हुई 573. 6 मिमी बारिश में से 69. 52 फीसदी बारिश तो सावन माह में ही हो गई है। अब जनमानस को भादौ मास से और भी उम्मीद है। वहीं वर्ष 2018 के सावन माह में महज 171.8 मिमी ही बारिश हुई थी।
श्योपुर में बारिश का 70 फीसदी कोटा पूरा
शुरुआत में लेटलतीफ होने के बाद इस बार मानसून जिले में अभी तक मेहरबान नजर आ रहा है। यही वजह है कि अभी तक जिले की बारिश का 70 फीसदी कोटा पूरा हो गया है। हालांकि तेज बारिश की जगह अब रिमझिम बारिश का दौर जारी है और बीते 24 घंटे में जिले भर में महज 11.8 मिमी ही औसत बारिश हुई है, लेकिन 17 अगस्त की सुबह 8 बजे तक जिले में कुल 573.6 मिमी बारिश हो चुकी है। जो जिले की सामान्य औसत बारिश 822 मिमी की लगभग 70 फीसदी है।
जीवनदायिनी चंबल नहर में आया पानी
रबी सीजन में जिले के किसानों की जीवनदायिनी चंबल नहर में भी शनिवार को पानी आ गया। हालांकि ये पानी कोटा बैराज से नहीं छोड़ा गया, लेकिन कोटा शहर के सरोवर व एक अन्य तालाब में ज्यादा पानी होने के कारण नहर में डिस्चार्ज किया गया। जलसंसाधन विभाग के ईई सुभाष गुप्ता ने बताया कि कोटा में लगातार बारिश से वहां के तालाबों से नहर में पानी डिस्चार्ज किया गया है। नहर में वर्तमान में 1299 क्यूसेक पानी चल रहा है। शनिवार की सुबह चंबल नहर का पानी शहर को क्रॉस कर आगे बढ़ गया।
चंबल और पार्वती नदियों का जलस्तर (मीटर में)
स्थिति | चंबल | पार्वती |
खतरे का निशान | 199.50 | 198.00 |
सुबह 8 बजे जलस्तर | 198.36 | 197.20 |
शाम 5 बजे जलस्तर | 196.36 | 196.10 |
जिले में अभी तक बारिश की स्थिति(मिमी में)
तहसील | बारिश |
श्योपुर | 689.8 |
बड़ौदा | 640.0 |
कराहल | 708.8 |
विजयपुर | 396.1 |
वीरपुर | 433.3 |
कुल औसत | 573.6 |