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मरीज 12, डॉक्टर 22, आयुर्वेद अस्पताल की मान्यता पर संकट

locationग्वालियरPublished: Mar 12, 2019 01:22:08 am

प्रचार प्रसार के अभाव में तोड़ रहा दम

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मरीज 12, डॉक्टर 22, आयुर्वेद अस्पताल की मान्यता पर संकट

ग्वालियर. करोड़ों रुपए की लागत बना सौ बेड के आयुर्वेदिक हॉस्पिटल प्रचार-प्रसार के अभाव में यह दम तोड़ रहा है। न तो यहां भर्ती मरीजों की रात में देखभाल करने के लिए डॉक्टर रहते हैं, न ही दूसरा स्टाफ। यहां हमेशा दवाओं का टोटा रहता है। यहां बमुश्किल दस से बारह मरीज भर्ती होने पहुंच रहे हैं, जबकि इनसे अधिक डॉक्टरों की संख्या है। मरीजों की घटती संख्या से आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता पर संकट बढ़ता जा रहा है। कई वर्ष पूर्व कैंसर पहाडिय़ा के नीचे करोड़ों रुपए की लागत से आयुर्वेदिक अस्पताल का निर्माण कराया गया था। इसके पीछे मंशा ये थी कि आयुर्वेद में इलाज कराने में भरोसा रखने वाले लोग वहां पहुंचे और उनको इलाज मिले। सुबह की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या आधा सैकड़ा भी नहीं थी।
ये है मान्यता के लिए जरूरी
बताया जाता है कि आयुर्वेदिक कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों की संख्या लगभग 54 हैं। इनके हिसाब से एक पलंग निर्धारित है। जिसके अनुसार फिलहाल वहां 100 में से 54 पलंग संचालित हो रहे हैं। इन पलंगों का हाल देखा जाए तो प्रति दिन कम से कम 24 मरीज वहां अनिवार्य हैं, लेकिन दस से बारह मरीज बमुश्किल भर्ती हो पा रहे हैं। अस्पताल स्टॉफ का कहना है कि ऐसा ही चला तो आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता पर संकट छा सकता है।
ये दिखी अस्पताल की हालत
पत्रिका टीम जब आयुर्वेदिक हॉस्पिटल पहुंची तो वहां पलंग पर बारह मरीज मिले। बाकी के पूछने पर अस्पताल स्टॉफ का कहना था कि दस बारह लोग यहां आते हैं वे अपना इलाज कराकर चार-पांच घंटे बाद वापस चले जाते हैं। जबकि दूसरे लोगों का कहना था कि यह अस्पताल तो अब भगवान भरोसे चल रहा है।

32 रुपए प्रति मरीज मिलता है बजट

सूत्रों ने जानकारी दी कि आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती प्रति मरीज के हिसाब से राज्य शासन द्वारा 32 रुपए प्रति दिन दिया जा रहा है। इसमें नाश्ता, दूध और भोजन शामिल है। लेकिन नाश्ते में दिया जा रहा दलिया अधिकतर समाजसेवी संस्थाएं दे रही हैं। प्रति मरीज के डाइट के हिसाब से मिलने वाला पैसा कहां और किसकी जेब में जा रहा है, यह बताने को कोई तैयार नहीं हैं।

मैं लेता हूं जानकारी: शर्मा
इस संबंध में जब आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डा. महेश शर्मा से मोबाइल पर सम्पर्क साधा गया तो उनका कहना था कि हमारे डॉक्टर ओपीडी में सुबह 9 से एक बजे तक बैठते हैं, पलंग कितने हैं और कितने मरीज भर्ती हैं, इसकी जानकारी मैं लेकर ही आपको दे पाऊंगा।
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