ये है मान्यता के लिए जरूरी
बताया जाता है कि आयुर्वेदिक कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों की संख्या लगभग 54 हैं। इनके हिसाब से एक पलंग निर्धारित है। जिसके अनुसार फिलहाल वहां 100 में से 54 पलंग संचालित हो रहे हैं। इन पलंगों का हाल देखा जाए तो प्रति दिन कम से कम 24 मरीज वहां अनिवार्य हैं, लेकिन दस से बारह मरीज बमुश्किल भर्ती हो पा रहे हैं। अस्पताल स्टॉफ का कहना है कि ऐसा ही चला तो आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता पर संकट छा सकता है।
ये दिखी अस्पताल की हालत
पत्रिका टीम जब आयुर्वेदिक हॉस्पिटल पहुंची तो वहां पलंग पर बारह मरीज मिले। बाकी के पूछने पर अस्पताल स्टॉफ का कहना था कि दस बारह लोग यहां आते हैं वे अपना इलाज कराकर चार-पांच घंटे बाद वापस चले जाते हैं। जबकि दूसरे लोगों का कहना था कि यह अस्पताल तो अब भगवान भरोसे चल रहा है।
बताया जाता है कि आयुर्वेदिक कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों की संख्या लगभग 54 हैं। इनके हिसाब से एक पलंग निर्धारित है। जिसके अनुसार फिलहाल वहां 100 में से 54 पलंग संचालित हो रहे हैं। इन पलंगों का हाल देखा जाए तो प्रति दिन कम से कम 24 मरीज वहां अनिवार्य हैं, लेकिन दस से बारह मरीज बमुश्किल भर्ती हो पा रहे हैं। अस्पताल स्टॉफ का कहना है कि ऐसा ही चला तो आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता पर संकट छा सकता है।
ये दिखी अस्पताल की हालत
पत्रिका टीम जब आयुर्वेदिक हॉस्पिटल पहुंची तो वहां पलंग पर बारह मरीज मिले। बाकी के पूछने पर अस्पताल स्टॉफ का कहना था कि दस बारह लोग यहां आते हैं वे अपना इलाज कराकर चार-पांच घंटे बाद वापस चले जाते हैं। जबकि दूसरे लोगों का कहना था कि यह अस्पताल तो अब भगवान भरोसे चल रहा है।
32 रुपए प्रति मरीज मिलता है बजट सूत्रों ने जानकारी दी कि आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती प्रति मरीज के हिसाब से राज्य शासन द्वारा 32 रुपए प्रति दिन दिया जा रहा है। इसमें नाश्ता, दूध और भोजन शामिल है। लेकिन नाश्ते में दिया जा रहा दलिया अधिकतर समाजसेवी संस्थाएं दे रही हैं। प्रति मरीज के डाइट के हिसाब से मिलने वाला पैसा कहां और किसकी जेब में जा रहा है, यह बताने को कोई तैयार नहीं हैं।
मैं लेता हूं जानकारी: शर्मा
इस संबंध में जब आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डा. महेश शर्मा से मोबाइल पर सम्पर्क साधा गया तो उनका कहना था कि हमारे डॉक्टर ओपीडी में सुबह 9 से एक बजे तक बैठते हैं, पलंग कितने हैं और कितने मरीज भर्ती हैं, इसकी जानकारी मैं लेकर ही आपको दे पाऊंगा।