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स्वच्छ करें राजनीति महाअभियान: शक्ति की हुंकार शुद्ध करेंगे राजनीति

locationग्वालियरPublished: Jun 01, 2018 11:28:01 am

Submitted by:

Gaurav Sen

स्वच्छ करें राजनीति महाअभियान: शक्ति की हुंकार शुद्ध करेंगे राजनीति

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स्वच्छ करें राजनीति महाअभियान: शक्ति की हुंकार शुद्ध करेंगे राजनीति

ग्वालियर। पत्रिका के महाअभियान स्वच्छ करें राजनीति के अंतर्गत गुरुवार को महिलाओं की बड़ी बैठक हुई। जीवाजी क्लब में हुई बैठक में विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं के साथ युवा शक्ति ने भी शिरकत की। राजनीति के शुद्धीकरण में महिलाओं की भूमिका पर खुलकर चर्चा हुई।

महिलाओं ने संकल्प लिया कि वे राजनीति को बदलने में सक्रिय भूमिका निभाएंगीं। बैठक में महिला आयोग की सदस्य प्रमिला वाजपेयी, मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष जीडी लड्ढा, एडवोकेट अनुराधा सिंह, सीए रश्मि जैन विशेष रूप से मौजूद थीं। पत्रिका के स्थानीय संपादक आलोक कुमार मिश्रा ने अभियान की विस्तृत जानकारी दी। संचालन अनुराधा घोड़के ने किया। कार्यक्रम में महावीर इंटरनेशनल चंदना वीरा केन्द्र, ग्वालियर का विशेष सहयोग रहा।


तीन संकल्प लिए

1. मैं स्वच्छ राजनीति के लिए खुद सक्रिय होकर अन्य को भी प्रेरित करूंगी।
2. मैं राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें आगे बढ़ाने में सहयोग करूंगी।
3. मैं आपराधिक अतीत वाले, भ्रष्ट और अनैतिक राजनीतिज्ञों का साथ कभी नहीं दूंगी।

पत्रिका ने स्वच्छ करें राजनीति के महाअभियान का जो बीड़ा उठाया है वह काबिले-तारीफ है। आज महिलाएं किसी भी कार्य में जब पीछे नहीं हैं तो राजनीति में भी उन्हें आगे आना ही चाहिए। हर महिला में प्रतिभा होती है, उसे बाहर निकालने की है।
डॉ.वंदना शर्मा

वर्तमान युग में महिलाओं को चाहिए के वे भी पुरूष जाति के समकक्ष खड़ी हों। इसके लिए राजनीति से अच्छा कोई प्लेटफॉर्म नहीं हो सकता है। पुरूषों को पीछे करने के लिए हमें आगे आना ही होगा।
पूजा राणा

पत्रिका ने नारियों को जगाने का काम किया है। जब पुरूष वर्ग राजनीति कर सकता है तो महिलाएं क्यों नहीं। बल्कि महिलाएं तो राजनीति और अच्छे से कर सकती हैं। राजनीति में स्वच्छता लाने की पहल महिला वर्ग को ही करनी चाहिए।
जान्हवी अरोरा

गंदी हो चुकी राजनीति ने सबकुछ गंदा करके रख दिया है। नारी शक्ति ही इसे स्वच्छ कर सकती है। महिला वर्ग की भागीदारी राजनीति में न के बराबर है, इसको बढ़ाया जाना चाहिए। नारी शक्ति भ्रष्टाचार को खत्म कर सकती है।
संगीता पारख

समय की मांग है कि महिलाओं को राजनीति में अपनी भागीदारी दिखानी ही होगी। वैसे तो इसकी शुरूआत सदियों पहले हो चुकी है पर आज राजनीति में उनकी बहुत जरूरत है। राजनीति मार्ग है पर उसे मंजिल नहीं बनाना चाहिए।
प्रमिला वाजपेयी

समाज के विकास के लिए महिला वर्ग को आगे आना ही होगा। इसके लिए राजनीति एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। आज राजनीति के हालात भी गड़बड़ाने लगे हैं, इसलिए महिलाओं को गंदी हो चुकी राजनीति को फिर सेे निखारना होगा।
अंजलि बत्रा

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