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भाई तु नहीं दे पाएगा परीक्षा और दोस्त की जगह एग्जाम में बैठ गया पवन

locationग्वालियरPublished: Sep 11, 2019 01:00:01 pm

Submitted by:

monu sahu

कोर्ट ने कहा- ऐसे लोग योग्य अभ्यर्थियों को अवसरों से वंचित कर रहे हैं

Pawan sat in exam instead of friend in post assistant exam

भाई तु नहीं दे पाएगा परीक्षा और दोस्त की जगह एग्जाम में बैठ गया पवन

ग्वालियर। डाक सहायक पद के लिए पांच साल पहले हुई परीक्षा में अपने दोस्त के स्थान पर परीक्षा देते पकड़े गए पवन कुमार तथा उसके दोस्त मनोज कुमार को दोषी पाते हुए पांच-पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान में इस प्रवृत्ति के व्यक्तियों द्वारा योग्य अभ्यर्थियों को उनके उचित व विधिक अवसरों से वंचित किया जा रहा है। इस प्रकार की प्रवृत्ति बढऩे से प्रतियोगी परीक्षाओं की गरिमा व उसकी पवित्रता प्रभावित हुई है और योग्य छात्रों का परीक्षा के प्रति रुझान कम हुआ है, इसलिए आरोपियों को दंडित किया जाना जरूरी है।
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विशेष न्यायाधीश ने पवन व मनोज को धारा 471 व 467 के अपराध में दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है। इसके अलावा दोनों आरोपियों को धारा 120 बी के तहत एक साल, 419 में तीन साल, 468 में तीन साल तथा परीक्षा अधिनियम में 1-1 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 4-4हजार रुपए का जुर्माना भी किया है। अभियोजन के अनुसार डाक विभाग द्वारा 22 जून 2014 को डाक सहायक पद के लिए सरस्वती शिशु मंदिर जयेन्द्रगंज में परीक्षा आयोजित की गई थी।
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पर्यवेक्षक अनंत गोपाल यादव कार्यालय अधीक्षक डाकघर, गुना संभाग ने परीक्षार्थियों के दस्तावेज चेक किए तो मनोज के दस्तावेज संदिग्ध नजर आए। उसकी अटेंडेंस शीट एवं रोल नंबर पर लगे फोटो में भिन्नता पाई गई थी। पुलिस जांच में पवन कुमार ने बताया कि मनोज उसकी मुंहबोली बहन का भाई है। उसका डाक सहायक की परीक्षा देने का आखिरी प्रयास था, क्योंकि उसकी उम्र 27 साल हो रही थी। इसके बाद वह यह परीक्षा नहीं दे पाता, इसलिए उसने भावना में बहकर उसकी जगह परीक्षा दी। जांच के दौरान पुलिस ने मनोज कुमार को गिरफ्तार किया।

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