वहीं फुटकर मंडियों में दाम 180 180 से 200 रुपए किलो चल रहे हैं। अभी रोजाना 10 से 12 बोरी ( एक बोरी में 50 किलो) की आवक ही हो रही है। इसके साथ ही इंदौर से आने वाला नया आलू भी बाजार में बिकने आ गया है। थोक मंडी में इसके दाम 25 से 30 रुपए किलो हैं, वहीं फुटकर में ये आलू 35 रुपए किलो बेचा जा रहा है। एक नवंबर से लोकल लाल आंख के आलू की आवक भी होने लगेगी पर शुरूआत में इसके थोक दाम 80 रुपए प्रति किलो तक रहेंगे ।
वहीं मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में ‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत हरे मटर का उत्पादन इस बार भी व्यापक स्तर पर होने की सम्भावना है। जिले में मटर लगभग 30 हजार हेक्टेयर में बोया जाता है। इस साल भी रकबा लगभग इतना है। किसानों ने बोवनी शुरू कर दी है। उद्यानिकी विभाग भी किसानों को उच्च किस्मों की जानकारी प्रदान कर रहा है। जिले का मटर न केवल जबलपुर बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, दक्षिण भारत और विदेशों में भी जाता है। उपसंचालक उद्यानिकी डॉ. नेहा पटेल ने मटर की कुछ किस्मों के बारे में बताया कि इसमें प्रमुख रूप से एपी3, पीएसएम3, पीयू1, केए5, सीएस10, एम7, एम5, पीएसएम5 शामिल है। शहपुरा और पाटन विकास खंडों में मटर की वृहद खेती की जाती है।