scriptनवोदित कलाकारों से लेकर वरिष्ठतम कलाकारों ने दी प्रस्तुति | Performers from budding artists to senior artists | Patrika News

नवोदित कलाकारों से लेकर वरिष्ठतम कलाकारों ने दी प्रस्तुति

locationग्वालियरPublished: Oct 21, 2019 07:12:51 pm

Submitted by:

Harish kushwah

रागायन की संगीत सभा में रविवार को सुरों के मुख्तलिफ रंग देखने को मिले। गंगादास की बड़ी शाला के महंत रामसेवक दास की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में नवोदित कलाकारों से लेकर वरिष्ठतम कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं।

नवोदित कलाकारों से लेकर वरिष्ठतम कलाकारों ने दी प्रस्तुति

नवोदित कलाकारों से लेकर वरिष्ठतम कलाकारों ने दी प्रस्तुति

ग्वालियर. रागायन की संगीत सभा में रविवार को सुरों के मुख्तलिफ रंग देखने को मिले। गंगादास की बड़ी शाला के महंत रामसेवक दास की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में नवोदित कलाकारों से लेकर वरिष्ठतम कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं। मां सरस्वती एवं गुरुपूजन से शुरू हुई सभा की पहली प्रस्तुति में नवोदित कलाकार शशांक शिवहरे का गायन हुआ। शशांक ने राग केदार में गायन की प्रस्तुति दी। झुमरा ताल में निबद्ध विलंबित बंदिश के बोल थे मोर बोले, जबकि तीन ताल में मध्यलय की बंदिश के बोल थे कान्हा रे नंद नंदन। शशांक ने इसी राग में द्रुत तीनताल में तराना से गायन का समापन किया। उनके साथ तबले पर प्रान्त साहू और हारमोनियम पर तेजप्रकाश विश्वकर्मा ने संगत की।
सभा की दूसरी प्रस्तुति में मुरैना से आए पंडित सुभाष देशपांडे का वायलिन वादन हुआ। उन्होंने राग जोगकोश में वादन की प्रस्तुति दी। संक्षिप्त आलाप के बाद उन्होंने इस राग में तीन गतें पेश कीं। विलंबित गत एक ताल में निबद्ध थी जबकि मध्यलय और द्रुत गत तीन ताल में निबद्ध थी। गायकी अंग पर आधारित आपका वादन न केवल मधुर था, बल्कि रागदारी की बारीकियों से भरा हुआ था। आपके साथ संजय राठौर ने बेहतरीन संगत का प्रदर्शन किया।
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