जिला संयोजक रमेश अग्रवाल एवं अनुसूचित जाति विभाग के संयोजक प्रभूदयाल जौहरे के संयोजन में जिला कांग्रेस ने फूलबाग चौराहे पर प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाती है और प्रदेश सरकार इस पर लगातार टैक्स बढ़ाती जा रही है। कांग्रेस के शासन काल में पेट्रोल 35 रुपए और डीजल 15 रुपए लीटर था वहीं भाजपा के शासन काल में पेट्रोल 75.50 रुपए हो गया है और डीजल 62.12 रुपए हो गया है। प्रदर्शन का संचालन जिला महामंत्री लतीफ खां मल्लू ने किया। प्रदर्शन में सुरेन्द्र शर्मा, महाराज सिंह पटेल, कृष्णराव दीक्षित, सरोज मिश्रा, मितेन्द्र सिंह आदि शामिल थे।
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बैलगाड़ी पर दुपहिया वाहन रखकर निकाली रैली
प्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर उपकर लगाए जाने के विरोध में कांग्रेस ने बैलगाड़ी पर दुपहिया वाहन रखकर रैली निकालकर अनोखा विरोध किया। कांग्रेस नेता अतिसुंदर सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में गुरुवार को भट्टपुरा में कांग्रेसजनों ने यह प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में रवि लोधी, भूप सिंह किरार, सुरेश शर्मा, अनिल सिंह प्रहलाद सिंह, शिवशंकर सहित किसान भी शामिल थे।
ये है पूरा मामला
प्रदेश सरकार अब पेट्रोल-डीजल पर एक फीसदी रोड सेस लगाएगी। फिलहाल यह करीब पचास पैसे प्रति लीटर लगेगा। यह सेस पेट्रोल-डीजल की कीमतों के साथ घटता-बढ़ता जाएगा। इससे मिलने वाली राशि को सड़कों के निर्माण पर खर्च किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मप्र मोटरयान स्पीड अध्यादेश 2018 व मप्र मोटरयान स्पीड अध्यादेश 2018 को मंजूरी दे दी गई। इन अध्यादेशों के तहत पेट्रोल व डीजल पर सेस लगाने के प्रावधान किए गए हैं। इससे सरकार को इस साल करीब 200 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा। संसदीय कार्यमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि यह राशि सीधे तौर पर सड़क निर्माण के लिए जाएगी।
एेसे एक फीसदी का फार्मूला-
पेट्रोल-डीजल पर एक फीसदी सेस बेसिक प्राइस पर लगेगा। यानी मध्यप्रदेश सरकार को पेट्रोल-डीजल जिस कीमत में मिलते हैं उस पर एक फीसदी सेस लगेगा। मध्यप्रदेश की ओर से लगने वाले 28 फीसदी वैट और अतिरिक्त कर अलग रहेंगे। इन दोनों प्रकार के टैक्स को हटाकर बेसिक प्राइस पर सेस लगेगा। यह अभी करीब 50 पैसे हो रहा है।
2000 करोड़ का घाटा, 200 करोड़ की भरपाई
सरकार ने बीती 13 अक्टूबर 2017 को ही वैट में छूट दी थी। तब पेट्रोल पर 3 और डीजल पर 5 फीसदी वैट घटाया था। इससे सरकार को दो हजार करोड़ सालाना का नुकसान होना है, लेकिन अब सरकार ने सेस के जरिए 200 करोड़ रुपए की भरपाई का रास्ता निकाल लिया।
दी दलील-
“वैट घटाकर सरकार ने 2000 करोड़ का नुकसान उठाया था, अब सेस लगाने से 180 से 200 करोड़ ही मिलेंगे। यह राशि भी सड़क निर्माण काम में जाएगी, जो जनता के भले के लिए ही है। इसलिए यह सेस सही है।”
– जयंत मलैया, मंत्री, वित्त व वाणिज्यकर विभाग, मप्र