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बेहमई कांड का चंबल से है गहरा नाता, बीहड़ों में आज भी सुनाए जाते हैं किस्से

locationग्वालियरPublished: Jan 18, 2020 03:29:20 pm

Submitted by:

monu sahu

1981 को फूलन देवी ने बेहमई गांव में एक साथ 20 लोगों को गोलियों से किया था छलनी

phoolan devi behmai kand live update

39 साल : बेहमई कांड का चंबल से है गहरा नाता, बीहड़ों में आज भी सुनाए जाते हैं किस्से

ग्वालियर। कम उम्र में शादी, गैंगरेप व खून की होली और फिर इंदिरा गांधी के कहने पर सरेंडर। कुछ ऐसी है कहानी है दस्यु सुंदरी फूलन के डकैत बनने की। तो आइए जानते है क्या है बेहमई कांड और फूलन देवी का चंबल से क्या है गहरा नाता। 14 फरवरी 1981 को दस्यु सुंदरी फूलन ने अपने करीब 35 साथियों के साथ मिलकर यूपी के बेहमई गांव में 26 लोगों पर सैकड़ों गोलियां बरसाईं थीं। इनमें से 20 की मौत हो गई थी। इस पूरे मामले में फूलन ही मुख्य आरोपी बताई गई थी। लेकिन मौत के बाद उसका नाम हटा दिया गया। इसके बाद मामले में आरोपियों श्याम बाबू, भीखा, विश्वनाथ, पोशा और राम सिंह पर केस चलाया गया। इसमें से राम सिंह की 2019 को जेल में मौत हो गई। पोशा जेल में है और तीन आरोपी जमानत पर हैं। 39 साल पहले हुए हत्याकांड में कोर्ट शनिवार को फैसला सुना सकते हैं। पहले इसमें 6 जनवरी को फैसला आना था, लेकिन तब बचाव पक्ष ने दलीलें पेश करने के लिए कोर्ट से वक्त मांग लिया। कोर्ट ने फैसले की तारीख 18 जनवरी तय की और दलीलें रखने के लिए वकीलों को 16 जनवरी तक का समय दिया गया था।
फिर भी परेशान करने लगे लोग
10 अगस्त 1963 को उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव गोरहा में जन्मी एक महिला शुरू से ही जातिगत भेदभाव का शिकार रही। फिर एक दिन उसकी 11 साल की उम्र में एक बड़ा बदलाव आया और उसे गांव से बाहर भेजने के लिए उसके चाचा मायादीन ने फूलन की शादी एक बूढ़े आदमी पुट्टी लाल से करवा दी। फूलन देवी इस उम्र में शादी के लिए तैयार नहीं थी। शादी के तुरंत बाद ही फूलन देवी लगातार दुराचार का शिकार हो गई। जिसके बाद वो वापस अपने घर भागकर आ गई। घर आकर फूलन देवी अपने पिता के साथ मजदूरी में हांथ बंटाने लगी। लेकिन फिर भी लोग उसे परेशान करने लगे। तभी 15 साल की उम्र में फूलन देवी के साथ एक बड़ा हादसा हो गया, जब गांव के ठाकुरों ने उनके साथ गैंगरेप किया। इस घटना को लेकर फूलन न्याय के लिए भटकती रही पर कहीं से उसे न्याय न मिलने पर फूलन ने बंदूक उठाने का फैसला किया। फूलन देवी के साथ ये हादसा यही ख़त्म नहीं हुआ,इंसाफ के लिए दर-दर भटकती इस महिला के गांव में कुछ डकैतों ने हमला किया। इसके बाद डकैत फूलन को उठाकर ले गए और कई बार रेप किया।
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गोलियों से कर दिया छलनी
फूलन की जिंदगी में एक बदलाव आया और फूलन की मुलाकात विक्रम मल्लाह से हुई,जिसके बाद दोनों ने मिलकर डाकूओं का अलग गैंग बनाया। फूलन के दिल में अपने साथ हुए दुराचार की टीस अभी भी बाकी थी,लिहाजा उसने अपने साथ हुए गैंगरेप का बदला लेने की ठान ली और 1981 में 20 सवर्ण जाति के लोगों को एक लाइन में खड़ा कराकर गोलियों से छलनी कर दिया। इसके बाद पूरे चंबल में फूलन देवी का खौफ पसर गया। सरकार ने फूलन को पकडऩे का आदेश दिया लेकिन यूपी और मध्य प्रदेश की पुलिस फूलनदेवी को पकडऩे में नाकाम रही। हालांकि बाद में तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से 1983 में फूलन देवी से सरेंडर करने को कहा गया,जिसे फूलन ने मान लिया।
सुनाए जाते हैं किस्से
देश में दस्यु सुंदरी फूलन देवी को मौत को अब 17 साल बीत चुके हैं,लेकिन डकैत से सांसद बनी फूलन देवी के किस्से आज भी चंबल के बीहड़ों सुने और सुनाए जाते हैं। एक मासूम लडक़ी के दस्यु सुंदरी बनने तक की इस कहानी के कई पहलू हैं। कोई फूलन के प्रति सहानुभूति रखता है तो कहीं उसे खूंखार डकैत मानता है। 25 जुलाई 2001 को फूलन देवी की उसके ही घर के बाहर गोली से मारकर हत्या कर दी गई थी। किसी ज़माने में दहशत का दूसरा नाम रही फूलन की जिंदगी में कई ऐसे पड़ाव आए जिन्हें जानकर हर कोई हैरान रह गया।
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