सोमवार को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कांगे्रस नेताओं के साथ सेंट्रल जेल में बंद एनएसयूआई नेता शिवराजसिंह से मुलाकात करने आए थे। जेल अधीक्षक साहू ने कांग्रेस नेताओं को अपने चेंबर में बैठाकर हत्या के प्रयास के आरोपी शिवराजसिंह को वहीं बुलवा कर मुलाकात करवाई थी। दिग्विजयसिंह के साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष, विधायक प्रवीण पाठक सहित कांग्रेस नेता भी थे। इस मुलाकात के इन लोगों ने वीडियो फोटो खींचे थे। इनमें दिग्विजय सिंह 307 के आरोपी की पीठ थपथपाते दिखे हैं। जेल से बाहर निकल कर कांगे्रस नेताओं ने इस वीडियो को वायरल कर दिया। जेल अफसरों का कहना है ग्वालियर जेल में कांग्रेस नेता की टीम बंदी से मुलाकात कर रही हैँ। वीडियो से पता चला। तब भोपाल में हल्ला मचा। सीएम शिवराज सिंह के सामने घटनाक्रम आया। उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। दूसरे दिन जेल अधीक्षक साहू पर कार्रवाई हुई।
जेल अधीक्षक पर यह आरोप
- पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेता जेल में हत्या के प्रयास के आरोपी एनएसयूआई नेता से मुलाकात करने आए हैं। उसकी जानकारी जेल मुख्यालय को नहीं दी।
- अधीक्षक के सामने उनके चेंबर में बंदी के साथ फोटो खींचने पर रोका क्यों नहीं।
- जेल में दाखिल होते समय मुलाकात करने आए कांग्रेस नेताओं के मोबाइल जेल गेट पर जमा क्यों नहीं करवाए।
- पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेता जेल में हत्या के प्रयास के आरोपी एनएसयूआई नेता से मुलाकात करने आए हैं। उसकी जानकारी जेल मुख्यालय को नहीं दी।
- अधीक्षक के सामने उनके चेंबर में बंदी के साथ फोटो खींचने पर रोका क्यों नहीं।
- जेल में दाखिल होते समय मुलाकात करने आए कांग्रेस नेताओं के मोबाइल जेल गेट पर जमा क्यों नहीं करवाए।
चेंबर में मुलाकात का अधिकार
जेल अफसरों का कहना है जेल अधीक्षक को अधिकार है, वह बंदी की मुलाकात अपने चेंबर में करवा सकता है। इसलिए कांग्रेस नेताओं को बंदी से चेंबर में मुलाकात करवाई गई। लेकिन मुलाकाती के बंदी के साथ फोटो नहीं खींच सकता है।
जेल अफसरों का कहना है जेल अधीक्षक को अधिकार है, वह बंदी की मुलाकात अपने चेंबर में करवा सकता है। इसलिए कांग्रेस नेताओं को बंदी से चेंबर में मुलाकात करवाई गई। लेकिन मुलाकाती के बंदी के साथ फोटो नहीं खींच सकता है।
यह दलील, दोषी माना
जेल अधीक्षक मनोज साहू का कहना है पूर्व सीएम के प्रोटोकॉल को देखकर अपने चेंबर में बंदी की मुलाकात करवाई। मुलाकात के लिए कांग्रेस नेता सिर्फ उनके चेंंबर तक आए थे। किसी को जेल परिसर के उस हिस्से में नहीं जाना था जहां बंदी है। इसलिए मोबाइल जमा नहीं करवाए। बंदी से उनकी मुलाकात से पहले फोटो, वीडियो नहीं बनाने के लिए कहा था।
जेल अधीक्षक मनोज साहू का कहना है पूर्व सीएम के प्रोटोकॉल को देखकर अपने चेंबर में बंदी की मुलाकात करवाई। मुलाकात के लिए कांग्रेस नेता सिर्फ उनके चेंंबर तक आए थे। किसी को जेल परिसर के उस हिस्से में नहीं जाना था जहां बंदी है। इसलिए मोबाइल जमा नहीं करवाए। बंदी से उनकी मुलाकात से पहले फोटो, वीडियो नहीं बनाने के लिए कहा था।
फोटो खींचने वाले पर कार्रवाई नहीं
जेल मैन्युअल के मुताबिक कारागार के अंदर फोटो खींचना प्रतिबंधित है। जेल मुख्यालय की इजाजत पर ही फोटोग्राफी की जा सकती है। उल्लघंन करने वालो पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। सोमवार को कांग्रेस नेताओं ने भी नियम का उल्लघंन किया है।
जेल मैन्युअल के मुताबिक कारागार के अंदर फोटो खींचना प्रतिबंधित है। जेल मुख्यालय की इजाजत पर ही फोटोग्राफी की जा सकती है। उल्लघंन करने वालो पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। सोमवार को कांग्रेस नेताओं ने भी नियम का उल्लघंन किया है।
इनका कहना है
ग्वालियर जेल में सोमवार को कांग्रेस नेताओं ने हत्या के प्रयास के बंदी से मुलाकात की थी। जेल अधीक्षक को अधिकार है कि वह अपने चेंबर में मुलाकात कर सकता है। लेकिन इस मुलाकात की जानकारी जेल मुख्यालय को नहीं दी गई। कांग्रेस नेताओं ने बंदी के फोटो खींचे,वीडियो बनाए वह वायरल हुए तब मामला पता चला। जेल में बंदी के साथ फोटो नहीं खींचा जा सकता। इसमें जेल अधीक्षक मनोज साहू की लापरवाही मानी गई है। उन्हें निलंबित किया गया है।
गाजीराम मीणा एडीजी जेल मुख्यालय भोपाल
ग्वालियर जेल में सोमवार को कांग्रेस नेताओं ने हत्या के प्रयास के बंदी से मुलाकात की थी। जेल अधीक्षक को अधिकार है कि वह अपने चेंबर में मुलाकात कर सकता है। लेकिन इस मुलाकात की जानकारी जेल मुख्यालय को नहीं दी गई। कांग्रेस नेताओं ने बंदी के फोटो खींचे,वीडियो बनाए वह वायरल हुए तब मामला पता चला। जेल में बंदी के साथ फोटो नहीं खींचा जा सकता। इसमें जेल अधीक्षक मनोज साहू की लापरवाही मानी गई है। उन्हें निलंबित किया गया है।
गाजीराम मीणा एडीजी जेल मुख्यालय भोपाल