नवंबर में हुई थी बैठक
बोइंग विमान उतारने की संभावनाएं तलाशने के साथ सिविल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए नवंबर में बैठक हुई थी। इसमें कलेक्टर अनुराग चौधरी, एसपी नवनीत भसीन, एयरपोर्ट डायरेक्टर, सीआइएसएफ कमांडेंट सहित मौजूद अन्य अधिकारियों ने तय किया गया था कि बड़े विमान उतारने के लिए हवाई पट्टी को कम से कम 30 मीटर बढ़ाना पड़ेगा। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी की विशेष टीम आकर सुरक्षा, संभावना और विस्तार को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद आलू अनुसंधान केन्द्र या आसपास की दूसरी जमीन नए टर्मिनल के लिए आवंटित कराई जा सकेगी।
प्रशासन ने कर ली थी तैयारी
कलेक्टर ने इसकी तैयारी के लिए एडीएम किशोर कान्याल और क्षेत्रीय एसडीएम जयति सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी। अधिकारियों ने इसके लिए दस्तावेजी तैयारी कर ली थी, लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों की उदासीनता के कारण बोइंग को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
इन बिंदुओं पर सहमति जरूरी :
ये प्लानिंग भी नाकाम
विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत निरावली-जिनावली-कुलैथ के पास खुली जमीन का चिह्नांकन किया गया था। इस जमीन के आवंटन के लिए शुरुआती प्रयास भी हुए, लेकिन एयरफोर्स की एनओसी न मिलने के कारण यह प्लान पूरा नहीं हो सका था।
नेताओं ने नहीं किए प्रयास
बोइंग 737 उतारने और नया टर्मिनल बनाने के लिए प्रशासन ने अपनी तरफ से दो बार जानकारी दे दी है। अभी एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीम के आने का इंतजार है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निर्णय होगा।
अनुराग चौधरी, कलेक्टर