दरअसल, प्रदेश के 29 जिलों सहित अंचल के जिलों में भी बारिश कम हुई है। इस संभावित कमी के संकट से उबरने प्रशासनिक प्रयास किए जा रहे हैं। जल संकट की आहट को देख कलेक्टर राहुल जैन ने पहले ही जल अभावग्रस्त घोषित करके पानी की बर्बादी पर रोक लगा दी है। नए नलकूप खनन पर प्रतिबंध है। जल बचाने के लिए पत्रिका ने अपने अभियान के अंतर्गत खबरों के माध्यम से आम जन तक जल संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है। पत्रिका के इस अभियान में एक ओर जहां सामाजिक संस्थाओं ने जागरुकता के प्रयास किए, वहीं राजनीतिक दल और प्रशासनिक मशीनरी भी जल संरक्षण के लक्ष्य में साथ दे रही है।
यह हो सकता है प्लान
चार अनुविभागीय अधिकारियों को मॉनीटरिंग के निर्देश दिए गए हैं। वहीं मल्टी की मार्किंग की जिम्मेदारी भी दी जाएगी। वहीं बिल्डिंग्स बना रहे बिल्डर्स से जल बचाने की अपील की जाएगी। जल संकट विद्यमान रहने तक निर्माण पर रोकने के निर्देश भी दिए जा सकते हैं।
जरूरत पडऩे पर पानी लेंगे कब्जे में
जल संकट की स्थिति में कलेक्टर एवं दंडाधिकारी किसी भी निजी पेयजल स्रोत को अधिग्रहीत कर सकते हैं। इस नियम के अंतर्गत बिल्डर्स द्वारा निर्माणाधीन परिसरों में कराए गए नलकूपों को भी जल संकट से उबरने तक अधिग्रहीत किया जा सकता है।