ग्वालियर

कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी सबसे कारगर, लेकिन लोग डोनेट करने नहीं आ रहे, अब तक सिर्फ 2 ने किया

कोरोना का अब तक कोई इलाज नहीं मिला है, लेकिन प्लाज्मा थैरेपी के परिणाम बेहतर आए हैं। इसके बावजूद भी कोरोना से ठीक हो चुके लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए नहीं आ रहे हैं

ग्वालियरAug 17, 2020 / 06:06 pm

रिज़वान खान

कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी सबसे कारगर, लेकिन लोग डोनेट करने नहीं आ रहे, अब तक सिर्फ 2 ने किया

ग्वालियर. कोरोना का अब तक कोई इलाज नहीं मिला है, लेकिन प्लाज्मा थैरेपी के परिणाम बेहतर आए हैं। इसके बावजूद भी कोरोना से ठीक हो चुके लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए नहीं आ रहे हैं। कोरोना के ठीक हो चुके लगभग पांच सौ मरीज ऐसे है जो अपना प्लाज्मा डोनेट कर दूसरे लोगों का जीवन बचा सकते हैं। इसके साथ ही अब तक दो लोगों ने ही अपना प्लाज्मा डोनेट किया है जबकि प्लाज्मा डोनेट करने के लिए सिर्फ पांच ही लोगों ने ही जेएएच प्रबंधन से संपर्क किया है। इन 5 लोगों में भी कुछ जीआरएमसी के जूनियर डॉक्टर है तो वहीं कुछ शहर के व्यापारी भी शामिल जो कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं। हांलाकि जेएएच प्रबंधन को उम्मीद है कि प्लाजमा डोनेट कर लोगों की जिंदगी बचाने वाले मददगार जल्द ही सामने आएंगे।

डोनेट करने वाले दोनों डॉक्टर बेहतर
प्लाज्मा थैरेपी के लिए अभी तक जेएएच के दो जूनियर डॉक्टर ही सामने आए हैं। इसमें से पहले जूनयिर डॉक्टर आकाश गरवाल और दूसरे डॉ. हिमांशु हैं, जो इन दिनों इंटनर कर रहे हैं। यह दोनों ही डॉक्टर बेहतर हैं। प्लाज्मा डोनेट करने के बाद से अपने-अपने काम में दोनों लग गए हैं।

प्जाज्मा के लिए किया जा रहा है संपर्क
कोरोना की जंग जीतकर घर गए लोगों से मेडिकल कॉलेज के काउंसलर द्वारा फोन पर संपर्क किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश लोगों के फोन लग ही नहीं रहे हैं। वहीं कुछ से बात हो रही है तो वह पूरी तरह से डोनेट करने के लिए तैयार नहीं हैं।

इन डॉक्टरों की देखरेख में हो रही थैरेपी
मेडिकल कॉलेज द्वारा प्जाज्मा थैरेपी के लिए प्रभारी डॉ. सुधा अयंगर को बनाया गया है। इसके साथ ब्लड बैंक इंजार्च डॉ. अरुण जैन, डॉ. ओपी जाटव, डॉ. अमित निरंजन, डॉ. आकाश मेहरा आदि शामिल हैं। वहीं डीन और अधीक्षक का पूरा सहयोग मिल रहा है।

क्या है प्लाज्मा थैरेपी?
प्लाज्मा थैरेपी में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के शरीर से लिए गए प्लाज्मा को कोरोना के एक्टिव मरीजों के शरीर में डाला जाता है। इससे उस मरीज के शरीर में कोरोना से लडऩे की एंटीबॉडी बन जाती है, जो कोरोना संक्रमण समाप्त करने में सहायक होता है। प्लाज्मा थैरेपी को मरीजों पर काफी असरदार बताया गया है।
ऐसे काम करती है थैरेपी
प्लाज्मा थैरेपी तकनीक में एंटीबॉडी का इस्तेमाल होता है, जो किसी भी व्यक्ति के बॉडी में किसी वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ बनता है। इसी एंटीबॉडी को मरीज के शरीर में डाला जाता है। ऐसे में एक मैथड से जो व्यक्ति ठीक हुआ रहता है, ठीक वही मैथड दूसरे मरीज पर कार्य करता है और दूसरा मरीज भी ठीक होने लगता है।

प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अभी सिर्फ 5 ही लोगों ने ही संपर्क किया है। हमें उम्मीद है कि कोरोना पॉजिटिव गंभीर मरीजों के इलाज के लिए कई और प्लाज्मा दान करने वाले दानदाता सामने आएंगे। अभी दो लोगों की थैरेपी हुई है।
डॉ.सुधा अयंगर, प्रभारी प्लाज्मा थैरेपी जेएएच
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