तानसेन की नगर के पास बनी है बीएसएफ एकेडमी
अकादमी टेकनपुर का नाम पूरे विश्व में जाना जाता है। जहां ट्रेनिंग चेतना जीवन का एक तरीका है। नेशनल हाइवे (आगरा-झांसी) 75 पर टेकनपुर के शांत माहौल के बीच स्थित है।
यह एकेडमी श्री के.एफ. रूस्तम जी के दूरदर्शिता का नतीजा रहा। उन्हें आईपीएस, बीएसएफ के संस्थापक पिता कहा जाता है। जिन्होंने पाया कि टेकनपुर और इसके आसपास बीएसएफ के प्रीमियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए एक आदर्श सेंटर की बन सकता है। जहां प्रशिक्षु अधिकारियों और उप निरीक्षक को प्रशिक्षित किया जा सके। उनके नेतृत्व और व्यावसायिकता के आवश्यक गुणों को आत्मसात कर सके। उनकी दूरदर्शिता के माध्यम से बीएसएफ अकादमी फरवरी 1966 में बीएसएफ प्रशिक्षण केंद्र और स्कूल के रूप में आई थी। 21 नवंबर 1966 को इसे बीएसएफ अकादमी के रूप में बदल दिया गया था।
अकादमी के परिवेश में बीएसएफ जवानों के प्रशिक्षण के लिए एक आदर्श वातावरण है। जो एक जवान को परिपूर्ण बोर्डरमेन के रूप में विकसित करता है। यही बोर्डर मैन सीमा के रखवाले े रूप में काम करते हैं और देश की जनता को दुश्मन के हमले से बचाते हैं। अकादमी में प्रशिक्षण में प्रशिक्षण के समय के पारंपरिक तरीकों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण को देखा जा सकता है।
इस आलीशान महल में है बीएसएफ का मुख्यालय
करीब पांच दशक पहले टेकनपुर में बीएसएफ अकादमी स्थापित की गई। यहां तात्कालीन महाराजा जीवाजी राव सिंधिया द्वारा झाील किनारे बनाया गया एक महल भी है जिसे राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने बीएसएफ को सौंप दिया। सिंधिया राजपरिवार ने 1965 में महज 6.41 लाख रुपए में पैलेस के साथ यह पूरी जमीन बीएसएफ को दे दी थी। इसमें झील के साथ करीब 3000 एकड़ जमीन है और इसमें 643 एकड़ जमीन में एक झील बनी हुई है। झील में हरसी डैम से पानी आता है।