कवियों ने कविता से दिया पौधारोपण का संदेश
ग्वालियरPublished: Jun 25, 2019 09:21:09 pm
खुदा की तलाश है पर न खुद की तलाश है, खुद की तलाश ही तो खुदा की तलाश है…। शहर के कवि आलोक शर्मा ने जब इन चंद लाइनों को आवाज दी, तो सभागार तालियों से गूंज उठा।
कवियों ने कविता से दिया पौधारोपण का संदेश
ग्वालियर. खुदा की तलाश है पर न खुद की तलाश है, खुद की तलाश ही तो खुदा की तलाश है…। शहर के कवि आलोक शर्मा ने जब इन चंद लाइनों को आवाज दी, तो सभागार तालियों से गूंज उठा। काव्य रस से सराबोर कर देने वाली रसधार बही ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के समर नाइट मेले में। जहां सोमवार को गुरुकृपा जन कल्याण सेवा समिति के तत्वावधान में आध्यात्मिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि नवल ग्वालियरी के संयोजन में संपन्न हुआ स्थानीय कवि सम्मेलन सैलानियों के दिलों-दिमाग पर अपनी छाप छोड़ गया।
देर रात तक बांधा समां : कार्यक्रम की शुरुआत आरएल साहू ने मां को दिल से भुला नहीं पाओग, कर्ज मां का चुका न पाओगे…से किया। इनके बाद बारी आई देवी दयाल की जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को सजग करने के साथ ही वृक्षों को बचाने की सार्थक पहल करते हुए अपनी कविता सुनाई। उन्होंने सुनाया अंदाज मेरा पेड़ का रुख रहे ना रहे पर सेवा से मुंह न मोडूं…। कार्यक्रम का संचालन कर रहे नवल ग्वालियरी ने कवि के जीवन पर प्रकाश डालते हुए काव्य पाठ किया। उन्होंने कहा कि कवि का घर, कवि की किताब, कलम जिंदगी होती है…। इनके बाद रेखा दीक्षित ने बेटी के महत्व को प्रतिबिंबित करने वाली कविता सुनाकर खूब वाह-वाही लूटी। उन्होंने कुछ इस अंदाज में अपनी कविता सुनाई। जीवन के दिन चार कहानी इतनी सी, करता चल उपकार कहानी इतनी सी…।