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जिस ‘जहर’ से बनी शराब ने ली थी 64 की जान, उससे कलेक्टर बेफिक्र

locationग्वालियरPublished: Oct 30, 2021 11:32:53 pm

Submitted by:

Nitin Tripathi

ड्रग स्टॉक को जांचने सर्च वारंट जारी करने का अधिकार किसी कलेक्टर ने नहीं किया इस्तेमाल

Poisonous liquor killed

जिस ‘जहर’ से बनी शराब ने ली थी 64 की जान, उससे कलेक्टर बेफिक्र

ग्वालियर. नकली शराब को जहरीला बनाने के पीछे इथेनॉल और मेथेनॉल जैसे घातक रसायन हैं। सरकार ने जहरीले रसायन के अवैध इस्तेमाल पर नियंत्रण का अधिकार कलेक्टर को दिया, लेकिन प्रदेश में किसी कलेक्टर ने इसके लिए ड्रग स्टॉक की जांच करने सर्च वारंट जारी नहीं किया। मुरैना, रतलाम, उज्जैन जैसे जिलों के कलेक्टर ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई जहां जहरीली शराब से कई लोगों की जान जा चुकी है। मुरैना समेत प्रदेश में एक साल के भीतर जहरीली शराब 64 लोगों को जान ले चुकी है।
जांच में जहरीले रसायन के इस्तेमाल की बात सामने आ चुकी है। लेकिन इसी तरह से अवैध शराब का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। जिंदगी लीलने वाली मेथेनॉल से बनी शराब पर अंकुश लगाने सरकार ने हर मामले की जांच एसआईटी से कराई। एसआईटी की सिफारिशों पर आबकारी विभाग को निर्देश जारी किए साथ ही कानून में भी बदलाव की तैयारी भी की है। इस बीच गृह विभाग ने कलेक्टरों को सर्च वारंट जारी करने का अधिकार दे दिया। इस निर्देश के अनुसार अब स्टॉक की जांच पुलिस के सहायक उप निरीक्षक और नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी भी कर सकते हैं, जबकि पहले डीएसपी और एसडीएम स्तर के अधिकारी को ही जांच करने का अधिकार था।
सस्ती शराब बनाने मिला देते हैं यह जहरीला रसायन
मुरैना में 26 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से गई थी। फोरेंसिक जांच में सामने आया कि शराब माफिया कमाई के चक्कर में थिनर (मिथाइल) से शराब बनाई गई थी। मृतकों की विसरा जांच में जहरीला तत्व मिला था। दरअसल, शराब माफिया सस्ती शराब बनाने इस तरह के केमिकल मिलाता है। इस सस्ती शराब के लालच में लोग इसे खरीद लेते हैं।
सरकार ने माना…शराब जहरीले रसायन से बनी
विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जो जानकारी दी, उसमें उज्जैन में 14 अक्टूबर को शराब पीने से 12 लोगों की मौत की वजह जहरीला रसायन ही माना गया। बताया गया कि इन लोगों ने नकली शराब नहीं पी, बल्कि जहरीला रसायन पीया था। मुुरैना और भिंड में भी इसी साल जनवरी में नकली शराब से 27 जानें गई थीं।
बीते 3 माह में सामने आए नकली शराब के ये मामले
– रतलाम में अवैध शराब फैक्ट्री पकड़ी गई। यहां नोसादर और यूरिया के साथ स्प्रिट मिलाकर शराब बनाई जा रही थी।
– मुरैना के सिकरोदा में नकली शराब पकड़ी गई, यहां इथाइल एल्कोहल से अवैध रूप से शराब बनाकर सप्लाई हो रही थी।
– मंदसौर के खखराई गांव में नकली शराब पीने से मौतें हुई थीं, इसकी जांच भी सरकार ने एसआईटी से कराई थी।

जहरीली शराब से एक साल में कहां कितनी मौतें

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