मुरैना में 26 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से गई थी। फोरेंसिक जांच में सामने आया कि शराब माफिया कमाई के चक्कर में थिनर (मिथाइल) से शराब बनाई गई थी। मृतकों की विसरा जांच में जहरीला तत्व मिला था। दरअसल, शराब माफिया सस्ती शराब बनाने इस तरह के केमिकल मिलाता है। इस सस्ती शराब के लालच में लोग इसे खरीद लेते हैं।
विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जो जानकारी दी, उसमें उज्जैन में 14 अक्टूबर को शराब पीने से 12 लोगों की मौत की वजह जहरीला रसायन ही माना गया। बताया गया कि इन लोगों ने नकली शराब नहीं पी, बल्कि जहरीला रसायन पीया था। मुुरैना और भिंड में भी इसी साल जनवरी में नकली शराब से 27 जानें गई थीं।
– रतलाम में अवैध शराब फैक्ट्री पकड़ी गई। यहां नोसादर और यूरिया के साथ स्प्रिट मिलाकर शराब बनाई जा रही थी।
– मुरैना के सिकरोदा में नकली शराब पकड़ी गई, यहां इथाइल एल्कोहल से अवैध रूप से शराब बनाकर सप्लाई हो रही थी।
– मंदसौर के खखराई गांव में नकली शराब पीने से मौतें हुई थीं, इसकी जांच भी सरकार ने एसआईटी से कराई थी।
जहरीली शराब से एक साल में कहां कितनी मौतें