एसपी अनिल सिंह कुशवाह ने कत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि संदीप यादव पुत्र विद्याराम यादव निवासी सरकार का पुरा ऊमरी की लाश मेंहदा पुल के नीचे खून से लथपथ हाल में देखी गई थी।
प्रारंभिक पड़ताल में घटनास्थल के आसपास ढाबों पर की गई पूछताछ में पता चला कि मृतक सोमवार दोपहर बाद दो साथियों के साथ कार डीएल -९ सीएफ ५३३० में सवार होकर आया था। एसपी के निर्देश पर डीएसपी राकेश छारी ने उपनिरीक्षक मंगल सिंह, एएसआई सत्यवीर सिंह, प्रधान आरक्षक भोला सिंह, आरक्षक शिवकुमार, महेंद्र सिंह आदि को शामिल कर काम पर मामले की पड़ताल में लगाया था।
एसपी के मुताबिक जिस प्रकार से हत्या का षडयंत्र रचा गया था उसके हिसाब से आरोपी फुक्के उर्फ रामकिशोर पुत्र वीरेंद्र ओझा निवासी सरकार का पुरा ऊमरी एवं महाराज सिंह जाटव पुत्र ओमप्रकाश जाटव निवासी ऊमरी को अंदाजा भी नहीं था कि वे पुलिस गिरफ्त में आ सकेते हैं। लेकिन ढाबे से मिले कार के नंबर और मृतक के साथ दो लोगों के खाना खाने की जानकारी ने पुलिस का काम आसान कर दिया।
संदीप से हुई थी हत्या आरोपी फुक्के उर्फ रामकिशोर के छोटे भाई की मौत: पुलिस की मौजूदगी में हत्या के आरोपी फुक्के उर्फ रामकिशोर ओझा ने बताया कि उसका छोटा भाई संदीप यादव के साथ ट्रक पर क्लीनर था जबकि संदीप चालक के रूप में काम करता था।
कुछ समय पूर्व संदीप ने ट्रक को बैक करने के दौरान उसके भाई को कुचल दिया था गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। तभी से उसने सोच लिया था कि वह उसकी मौत का बदला संदीप की मौत से ही लेगा।
ऐसे बुना गया हत्या का ताना बाना
फुक्के उर्फ रामकिशोर ओझा ने 18 सितंबर की सुबह अपने साथ ऊमरी निवासी महाराज सिंह जाटव को लिया और करीब 11 बजे संदीप यादव को अपने साथ कार में बिठाकर ढाबे पर ले गए जहां तीनों ने बैठकर शराब पी और खाना खाने के बाद पुन: कार में सवार हो गए। इस बार कार मृतक संदीप को चलाने के लिए दे दी गई और उसकी बगल वाली सीट पर महाराज सिंह बैठ गया।
फुक्के उर्फ रामकिशोर पीछे बैठा था। जैसे ही कार पुल के पास रोकी तभी फुक्के ने संदीप को पीछे से चालक सीट पर संदीप के बैठे होने के दौरान ही गोली मार दी। लाश को दोनों ने मिलकर मेंहदा पुल के नीचे फेंक दिया। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त ३१५ बोर का कट्टा तथा कार जब्त कर ली है।