डॉक्टर और पुलिस की दोस्ती के लिए शहर के सभी थानों के बीट प्रभारियों को कम से कम पांच प्राइवेट क्लीनिक पर चिकित्सकों से संपर्क के लिए कहा गया है। इसमें हवलदार स्तर के पुलिसकर्मी को इलाके के चिकित्सकों से संपर्क का टॉस्क दिया है। यह पुलिसकर्मी क्लीनिक पर पहुंचकर डॉक्टर से रुबरु परिचय करेंंगे, उनसे मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान करेंगे और पुलिस का हेल्पलाइन नंबर क्लीनिक पर चस्पा करेंगे। एसपी नवनीत भसीन कहते हैं कि डॉक्टर्स से पुलिस का सतत संपर्क रखने की कवायद शुरु हो चुकी है। थाने के पुलिसकर्मी इलाके में प्राइवेट प्रेक्टिस करने वालों से संपर्क कर रहे हैं।
यह होंगे फायदे – चिकित्सकों और पुलिस के बीच दूरी कम होगी – प्राइवेट प्रेक्टिस करने वाले चिकित्सकों के पास काफी मरीजों का आना जाना रहता है। इससे कानूनी कार्रवाई में जरुरतमंदों को पुलिस से संपर्क का जरिया मिलेगा।
– जरुरत पडऩे पर इलाज करने वाले चिकित्सक भी पीडि़त को पुलिस तक पहुंचाने का जरिया बनेंगे। – पुलिस और पब्लिक के बीच डॉक्टर्स संपर्क का जरिया बनेंगे।