एसपी ऑफिस के सभागार में शनिवार को माहौल बदला हुआ था, मीटिंग हॉल में 10 जोड़े सजधज कर राउंड टेबिल के इर्द गिर्द बैठे थे, पुलिस अफसरों से घुलमिल कर बातें कर रहे थे। शादी की यादें और अलगाव का वक्त कैसे गुजारा यह सुना रहे थे और मान भी रहे थे गलतियां उनकी थीं, जिनकी वजह से खुद तो परेशान हुए परिवार भी बिखराव की स्थिति में आ गया था, लेकिन अब दोबारा ऐसी गलती नहीं करेंगे। दंपतियों ने माना कि अगर वक्त पर पुलिस नहीं समझाती तो उनके परिवार में फिर खुशियां नहीं लौटतीं।
मायके जाने से तकरार, पिता से बनाई दूरी
बृजेन्द्र बंजारा ने बताया कि करीब चार साल पहले ज्योति के साथ शादी की डोर में बंधे तो खुश थे। शादी के बाद ज्योति अक्सर मायके जाती थी। इसलिए दोनों में टकराव हुआ। घरेलू बात विवाद बन जाएगी यह सोचा नहीं था। पति,पत्नी के बीच की खटास में दोनों के मायके वाले भी उतर आए। ज्योति के पिता ने तो तय कर लिया बेटी की दूसरी शादी करेंगे। परिवार बिखराव की कगार पर आ गया, लेकिन पत्नी को खोना भी नहीं चाहता था। इसलिए एसपी ऑफिस में परिवार परामर्श केन्द्र में आकर व्यथा बताई, कहा कि पत्नी को घर वापस लाना चाहते हैं, लेकिन वह राजी नहीं है। घर बचाने में मदद करो। तीन बार काउंसलिंग के लिए दोनों को बुलाया। यह समझाया कि माता पिता का ध्यान रखना संतान का फर्ज है, साथ में अपना दांपत्य जीवन भी बचाओ। समझाइश दंपती की समझ में आई। अब पत्नी ससुराल में है। हालांकि उसके पिता जरूर फैसले से खफा हैं।
बृजेन्द्र बंजारा ने बताया कि करीब चार साल पहले ज्योति के साथ शादी की डोर में बंधे तो खुश थे। शादी के बाद ज्योति अक्सर मायके जाती थी। इसलिए दोनों में टकराव हुआ। घरेलू बात विवाद बन जाएगी यह सोचा नहीं था। पति,पत्नी के बीच की खटास में दोनों के मायके वाले भी उतर आए। ज्योति के पिता ने तो तय कर लिया बेटी की दूसरी शादी करेंगे। परिवार बिखराव की कगार पर आ गया, लेकिन पत्नी को खोना भी नहीं चाहता था। इसलिए एसपी ऑफिस में परिवार परामर्श केन्द्र में आकर व्यथा बताई, कहा कि पत्नी को घर वापस लाना चाहते हैं, लेकिन वह राजी नहीं है। घर बचाने में मदद करो। तीन बार काउंसलिंग के लिए दोनों को बुलाया। यह समझाया कि माता पिता का ध्यान रखना संतान का फर्ज है, साथ में अपना दांपत्य जीवन भी बचाओ। समझाइश दंपती की समझ में आई। अब पत्नी ससुराल में है। हालांकि उसके पिता जरूर फैसले से खफा हैं।
बहू को नहीं खोना चाहती थी, उसे वापस दिलाओ
गेंडेवाली सड़क पर रहने वाली रामबाई, बेटे विजय और रचना के साथ आईं थीं। रामबाई की पीढ़ा थी बहू मायके गई तो लौटने को राजी नहीं थी। अरमानों के साथ बेटे की शादी करने के बाद बेटा बहू में अलगाव सहन नहीं कर पाईं तो परिवार परामर्श में आकर फरियाद की। यहां परामर्शदाताओं से कहा कि कुछ भी करो, बस बहू को वापस बुला दो। उसे खोना नहीं चाहती। रामबाई की पीड़ा थी कि महिला थाने में कई चक्कर काटे थे, लेकिन उनकी परेशानी को तब्बजो नहीं दी गई। बेटे बहू के साथ जिंदगी गुजारने की उनकी तमन्ना देखकर विजय और रचना को बुलाकर काउंसलिंग की, दोनों को समझाया। अभी दूरी बनाना आसान है, लेकिन जब तैश खत्म होगा तो रिश्तों में खटास जिंदगी भर परेशान करेगी। तीन बार दोनों को परामर्श के लिए बुलाया। रचना ससुराल आने को राजी हो गई। बहू वापस लौट आई तो रामबाई फूली नहीं समा नहीं रही थीं।
गेंडेवाली सड़क पर रहने वाली रामबाई, बेटे विजय और रचना के साथ आईं थीं। रामबाई की पीढ़ा थी बहू मायके गई तो लौटने को राजी नहीं थी। अरमानों के साथ बेटे की शादी करने के बाद बेटा बहू में अलगाव सहन नहीं कर पाईं तो परिवार परामर्श में आकर फरियाद की। यहां परामर्शदाताओं से कहा कि कुछ भी करो, बस बहू को वापस बुला दो। उसे खोना नहीं चाहती। रामबाई की पीड़ा थी कि महिला थाने में कई चक्कर काटे थे, लेकिन उनकी परेशानी को तब्बजो नहीं दी गई। बेटे बहू के साथ जिंदगी गुजारने की उनकी तमन्ना देखकर विजय और रचना को बुलाकर काउंसलिंग की, दोनों को समझाया। अभी दूरी बनाना आसान है, लेकिन जब तैश खत्म होगा तो रिश्तों में खटास जिंदगी भर परेशान करेगी। तीन बार दोनों को परामर्श के लिए बुलाया। रचना ससुराल आने को राजी हो गई। बहू वापस लौट आई तो रामबाई फूली नहीं समा नहीं रही थीं।
घर मे अमरूद उपहार में थमाए
बहू की वापसी पर घर में खुशियां लौट आईं थीं। शनिवार को पुलिस के न्योते पर एसपी ऑफिस पहुंची रामबाई घर के बगीचे में लगे अमरूद भी लेकर आईं और एसपी अमित सांघी सहित परामर्श टीम को अमरूद खिलाकर खुशियां बांटी।
बहू की वापसी पर घर में खुशियां लौट आईं थीं। शनिवार को पुलिस के न्योते पर एसपी ऑफिस पहुंची रामबाई घर के बगीचे में लगे अमरूद भी लेकर आईं और एसपी अमित सांघी सहित परामर्श टीम को अमरूद खिलाकर खुशियां बांटी।
पति पूजा पाठ में व्यस्त, नहीं रहना साथ
रक्षा और कपिल की कहानी कुछ अलग थी। रक्षा की परेशानी थी कि पति कपिल परिवार और पत्नी की बजाए पूजा पाठ पर ज्यादा ध्यान देता था। इसकी वजह से साथ घूमने फिरने का वक्त भी नहीं मिलता था। यही वजह दोनों में अलगाव की रही। मामला परामर्श में आया तो कपिल को समझाया कि पूजा पाठ करो, लेकिन घर का भी ख्याल रखो। तीन बार काउंसलिंग की तो दंपती के बीच पनपी गलतफहमियां दूर हो गईं।
रक्षा और कपिल की कहानी कुछ अलग थी। रक्षा की परेशानी थी कि पति कपिल परिवार और पत्नी की बजाए पूजा पाठ पर ज्यादा ध्यान देता था। इसकी वजह से साथ घूमने फिरने का वक्त भी नहीं मिलता था। यही वजह दोनों में अलगाव की रही। मामला परामर्श में आया तो कपिल को समझाया कि पूजा पाठ करो, लेकिन घर का भी ख्याल रखो। तीन बार काउंसलिंग की तो दंपती के बीच पनपी गलतफहमियां दूर हो गईं।
साथ रहो, उसमें ही खुशियां
एसपी ग्वालियर अमित सांघी ने बताया कि घरेलू बातों और छोटी शंकाओं पर एक दूसरे से दूरी बना चुके दंपतियों के बीच दूरियां बढ़ गईं थीं। उनके परिवार अलगाव की स्थिति में आ गए थे। इन दंपतियों का परामर्श कराकर उन्हें फिर एक साथ लाया गया है। इन्हें समझाया गया है कि साथ रहें उसमें ही परिवार की खुशियां हैं। दंपतियों के बीच दूरियां खत्म करने में परामर्शकर्ता प्रदीप कश्यप, एनआर वर्मा, हवलदार बलवीर यादव और आरक्षक ज्योति राजपूत की भूमिका रही है।
एसपी ग्वालियर अमित सांघी ने बताया कि घरेलू बातों और छोटी शंकाओं पर एक दूसरे से दूरी बना चुके दंपतियों के बीच दूरियां बढ़ गईं थीं। उनके परिवार अलगाव की स्थिति में आ गए थे। इन दंपतियों का परामर्श कराकर उन्हें फिर एक साथ लाया गया है। इन्हें समझाया गया है कि साथ रहें उसमें ही परिवार की खुशियां हैं। दंपतियों के बीच दूरियां खत्म करने में परामर्शकर्ता प्रदीप कश्यप, एनआर वर्मा, हवलदार बलवीर यादव और आरक्षक ज्योति राजपूत की भूमिका रही है।