परमाल गैंग के मददगार तरुण ने पूछताछ में खुलासा किया है कि आरोपी आशू और गैंग लीडर परमाल में खटपट हो गई है, इसलिए आरोपी आशू अकेला पड़ गया है। वह हाजिर होने की फिराक मेें घूम रहा है। करीब पांच दिन से दमोह में उसके पास था। आशू और अंबाह निवासी तपेन्द्र से उसकी दोस्ती प्रेमिका के भाई अखिल की हत्या मेंं पकड़े जाने पर हुई थी। जेल से छूटने के बाद वह भी घर नहीं लौटा था अंबाह में ही लंबे समय तक रहा इसलिए इलाके के लिए कई गुंडों के संपर्क में आ गया था। प्रॉपर्टी कारोबारी पंकज सिकरवार की हत्या के बाद आशू मास्टमाइंड परमाल तोमर के साथ ही फरार हुआ था। लेकिन दोनों के बीच परमाल के कीमती जूतों को लेकर खटपट हो गई। पंकज की हत्या के वक्त आशू परमाल के जूते पहने था।
शहर से बाहर निकलने के बाद सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचकर परमाल ने उसे अलग कर दिया था। उससे कहा था कि अपना बैंक खाता नंबर दे दो जरूरत के हिसाब से पैसा उसमें पहुंचता रहेगा, लेकिन जूतों को लेकर दोनों में खटपट हो गई तो आशू गिरोह का साथ छोड़कर उसके संपर्क में आ गया था। पिछले पांच दिन से दमोह में उसके पास था। उसकी तलाश में जुटी हजीरा पुलिस को भनक लग गई थी तो उसे उठा लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी तरुण ने पकड़े जाने पर पूछताछ में गुमराह किया, 30 हजार के इनामी आशू को पता चल गया कि पुलिस को ठिकाने का पता चल गया है तो वह फिर भूमिगत हो गया।
पुलिस बोली, सब्जी मंडी से पकड़ा
हजीरा टीआई आलोक सिंह परिहार का कहना है कि आरोपी तरुण सिकरवार निवासी दमोह प्रॉपट्री कारोबारी पंकज सिकरवार गैंग का मददगार है। यहां परमाल गैंग के इशारे पर उनके परिजन को मदद करने के लिए आया था। उसकी बिरला नगर सब्जी मंडी में मौजूदगी पता चलने पर पकड़ा। तलाशी लेने पर तरुण के कब्जे से 315 बोर का तंमचा और राउंड मिले हैं।