क्योंकि इस मीटिंग के बाद ही पंकज निश्चिंत हुए थे। इसके अलावा गिरोह के स्लीपर सेल का भी पता लगाना है। क्योकि इसमें शामिल साइलेंट अपराधी ही उसके मददगार हैं। बदमाश परमाल सिंह को पुलिस ने बुधवार दोपहर को जेएएच अस्पताल से उठाकर जेल भेजा था।
पुलिस के मुताबिक गैंगस्टर परमाल तोमर से पुलिस पंकज हत्याकांड से जुडी हर बात कुरेदने की कोशिश में है। इसलिए परमाल को पूछताछ के लिए जेल से निकालने से पहले उसकी पूरी तैयारी कर रही है। हत्या में जो बदमाश परमाल के साथ शामिल थे वह तो चिहिंत हो चुके हैं, लेकिन गैंग का स्लीपर सेल अभी पुलिस की नजर से बाहर है। उनका पता लगाना भी जरुरी है। इसमे ंकुछ लोगों के नाम तो सामने आ चुके हैं।
पुलिस के मुताबिक गैंगस्टर परमाल तोमर से पुलिस पंकज हत्याकांड से जुडी हर बात कुरेदने की कोशिश में है। इसलिए परमाल को पूछताछ के लिए जेल से निकालने से पहले उसकी पूरी तैयारी कर रही है। हत्या में जो बदमाश परमाल के साथ शामिल थे वह तो चिहिंत हो चुके हैं, लेकिन गैंग का स्लीपर सेल अभी पुलिस की नजर से बाहर है। उनका पता लगाना भी जरुरी है। इसमे ंकुछ लोगों के नाम तो सामने आ चुके हैं।
बाकी का खुलासा पुलिस परमाल से कराने की कोशिश करेगी। उधर शुक्रवार को पकंज के परिजन ने डीआईजी एके पांडेय और एसपी नवनीत भसीन को ज्ञापन दिया है। इसमें पुलिस अधिकारियों से कहा है कि गुंडे परमाल तोमर के उन मददगारों के नाम सामने आने चाहिए जो हत्या के बाद चार महीने तक उसे पनाह देते रहे। परिजन ने पुलिस अधिकारियों को कुछ नाम भी बताए हैं इनमें राजनीति से ताल्लुक रखने वालों के अलावा शराब कारोबारी और अपराधियों को पनाह देने में शामिल रहे कुछ रसूखदार भी शामिल हैं।