बाजार में ये उत्पाद बने विकल्प
– वेजिटेबल प्लेट््स : वेजिटेबल वेस्ट को फायबर में बदलकर कागज के साथ मोल्ड करके बनाई गई प्लेट््स बिक रही हैं। कर्नाटक से बनकर आ रही इस तरह की एक प्लेट््स 3 रुपए मूल्य की है।
– शुगर केन प्लेट््स : शुगर केन (गन्ना) से बनाई गई प्लेट््स, दोने भी बेचे जा रहे हैं। ये उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड से आ रहे हैं। शुगर केन की एक प्लेट साढ़े तीन रुपए और दोना डेढ़ रुपए का है।
– कंपोस्टेबल या ऑक्सी बायोडिग्रेडेबल प्रोडक्ट््स : बिल्कुल प्लास्टिक के जैसे दिखने वाले बायोकटलरी के स्पून-फोक आदि कुछ खास हैं। दिल्ली से बनकर आने वाले इन उत्पादों की कीमत 80 पैसे से शुरू है।
– कंपोस्टेबल कॉर्न स्टार पॉलिथीन : ये पॉलिथीन की थैली के लिए बहुत अच्छा विकल्प है और इसे कॉर्न (मक्के) से तैयार किया जाता है। बाजार में ये 108 रुपए के 100 पीस बिक रहे हैं।
– पेट मटेरियल मिरर ग्लास : प्लास्टिक के ग्लास जो बीने नहीं जा सकते हैं उनके विकल्प के रूप में पेट मटेरियल डिस्पोजेबल इको फ्रेंडली मिरर ग्लास मौजूद हैं। इनका टिकाऊपन काफी अधिक है। सदा ग्लास के साथ-साथ इनमें कैप आइस्क्रीम ग्लास भी मौजूद है। इनके दाम दो से 6 रुपए प्रति ग्लास है।
– पेपर और वुडन कटलरी : पेपर बाउल, पेपर प्लेट के साथ वुडन कटलरी के स्पून-फोक 60 पैसे से लेकर 2 रुपए की कीमत में मौजूद हैं।
ये सब हुए प्रतिबंधित
– प्लास्टिक स्टिक वाले इयर बड्स
– गुब्बारे में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक
– प्लास्टिक के डंडे
– कैंडी स्टिक
– सजावट में काम आने वाले थर्माकोल
– कप, प्लेट, गिलास, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे
– मिठाई डिब्बों में लगने वाली प्लास्टिक फिल्म
– प्लास्टिक के निमंत्रण पत्र
– आइस्क्रीम स्टिक
– प्लास्टिक से बने सिगरेट के पैकेट
– 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पीवीसी बैनर
– 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाली सीढिय़ां
ये होगा जुर्माना
एक जुलाई से ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगा दी गई है। प्रतिबंध के बाद यदि प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं तो आम व्यक्ति को पांच सौ से दो हजार और उत्पादक, आयात, भंडारण, बिक्री करने वाले पर प्लास्टिक के मात्रा के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत 20 हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना लग सकता है। इसके साथ ही पांच साल की जेल या दोनों हो सकता है।
केंद्र सरकार ने ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया है। इससे पहले ही बाजार में कई ऐसे उत्पाद आ चुके थे जो पूरी तरह से पर्यावरण के लिए हितकर रहेंगे। अभी तक आमजन प्लास्टिक के बने उत्पाद ही उपयोग में लेता था लेकिन अब उन्हें जागरूक होना पड़ेगा। वैसे इस तरह के इको फ्रेंडली उत्पादों की अच्छी डिमांड है।
अमित अग्रवाल, डिस्पोजेबल सामान विक्रेता