शहर की सडक़ों की खुदाई के बाद समय पर पैंचवर्क नहीं करना, जर्जर व बदहाल सडक़े, निर्माण कार्य,बिना ढंके शहर में निर्माण कार्य, ग्रामीण व शहरी वार्डों में कचरा संग्रहण नहीं होने पर कचरा जलाया जाना, निर्माण कार्य की तोडफ़ोड़, सीएनडी वेस्ट व सडक़ों पर पड़े मटेरियल का कलेक्शन नहीं होना व कॉलोनी की जर्जर-बदहाल सडक़े, वाहनों के अधिक होने से धूल का लगातार उडऩा और सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव नहीं करना।
नगर निगम के क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक 13 के पास बीते छह महीने से निर्माण कार्य जारी है और अभी बंसत विहार में नाला निर्माण के लिए खोदी गई सडक़े से यहां से गुजरने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जोन क्रमांक 13 व बसंत विहार में उड़ती धूल से आसपास के लोग,वाहन चालक व पैदल राहगीर परेशान है।
नगर निगम सीमा क्षेत्र में नई सडक़ रोड, पटेल नगर, हारकोटा सीर,समाधिया कॉलोनी, जनकगंज रोड, नाला निर्माण सहित विभिन्न स्थानों पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। लेकिन अधिकतर स्थानों पर सडक़ों को बनाने से पूर्व खोदकर डाल दिया गया है और कार्य शुरू होने का हवाला जिम्मेदार अधिकारी दे रहे हैं। इसके चलते उस स्थान पर अधिक धूल उड़ रही है।
सिटी सेंटर :
पीएम10-142, पीएम 2.5-66, एक्यूआई-128 महाराज बाडा :
पीएम10-128, पीएम 2.5-91, एक्यूआई-121 फूलबाग :
पीएम10-105, पीएम 2.5-84, एक्यूआई-101 डीडी नगर :
पीएम10-142, पीएम 2.5-79, एक्यूआई-136 यातायात व धूल के कणों पर काम करने की जरूरत
ग्वालियर शहर में चलाए गए नेशनल क्लीन एयर प्रोमाम में यह बात सामने आई है कि ग्वालियर शहर में प्रदूषण बढऩे में 30 फीसदी प्रदूषण धूल के कणों से और 40 फीसदी प्रदूषण ट्रैफिक से हो रहा है। 20 मार्च को इंदौर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक सेमिनार भी आयोजित किया गया था, जहां यातायात व सडक़ों की खुदाई के कारण धूल के कणों को नियंत्रण करने की बात कही गई थी।
डॉ अनुपम ठाकुर, दमा एवं श्वांस रोग विशेषज्ञ
प्रो सुयश कुमार, विशेषज्ञ साइंस कॉलेज