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उड़ती धूल के कण वाहनों के धुंए से मिलकर बढ़ा रहे ग्वालियर में प्रदूषण, वजह सिर्फ ये

सुखी खासी लंबे समय तक नहीं हो रही ठीक

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सडक़े बिगाड़ रहीं सेहत, शहर की सडक़ों पर उड़ते धूल के कण वाहनों के धुंए से मिलकर बढ़ा रहे प्रदूषण

सडक़े बिगाड़ रहीं सेहत, शहर की सडक़ों पर उड़ते धूल के कण वाहनों के धुंए से मिलकर बढ़ा रहे प्रदूषण

ग्वालियर। शहर में विभिन्न स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं, लेकिन शहर की सडक़े खोदने के बाद उन्हें बिना दुरुस्त करें छोडऩा लोगों के साथ खिलवाड़ है। निर्माण एजेंसियों द्वारा ऐसा करने से शहर में लगातार धूल के कण हवा में घुल रहे हैं और यही कण वाहनों के ईधन और शहर में धड़ल्ले से जलाए जा रहे कचरे से निकलने वाला धुआं व अन्य उत्सर्जित गैसों में मिलकर सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। इसके कारण ही शहर में एक्यूआई का स्तर 142 पर पहुंच गया है और पीएम-10 व पीएम 2.5 का स्तर भी बढ़ रहा है। यह कण मानव के फेफड़ों में आसानी से प्रवेश कर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं विशेषज्ञों के अनुसार शहर में इसके चलते सर्दी व खांसी के केस लगातर बढ़ रहा हैं और लोग सूखी व लंबे समय तक सर्दी व खांसी की एजर्ली से परेशान है।

प्रदूषित कण बढऩे के मुख्य कारण
शहर की सडक़ों की खुदाई के बाद समय पर पैंचवर्क नहीं करना, जर्जर व बदहाल सडक़े, निर्माण कार्य,बिना ढंके शहर में निर्माण कार्य, ग्रामीण व शहरी वार्डों में कचरा संग्रहण नहीं होने पर कचरा जलाया जाना, निर्माण कार्य की तोडफ़ोड़, सीएनडी वेस्ट व सडक़ों पर पड़े मटेरियल का कलेक्शन नहीं होना व कॉलोनी की जर्जर-बदहाल सडक़े, वाहनों के अधिक होने से धूल का लगातार उडऩा और सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव नहीं करना।

उड़ती धूल से रहवासी व राहगीर परेशान
नगर निगम के क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक 13 के पास बीते छह महीने से निर्माण कार्य जारी है और अभी बंसत विहार में नाला निर्माण के लिए खोदी गई सडक़े से यहां से गुजरने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जोन क्रमांक 13 व बसंत विहार में उड़ती धूल से आसपास के लोग,वाहन चालक व पैदल राहगीर परेशान है।

यहां चल रहा है निर्माण कार्य पर सडक़े खोदी
नगर निगम सीमा क्षेत्र में नई सडक़ रोड, पटेल नगर, हारकोटा सीर,समाधिया कॉलोनी, जनकगंज रोड, नाला निर्माण सहित विभिन्न स्थानों पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। लेकिन अधिकतर स्थानों पर सडक़ों को बनाने से पूर्व खोदकर डाल दिया गया है और कार्य शुरू होने का हवाला जिम्मेदार अधिकारी दे रहे हैं। इसके चलते उस स्थान पर अधिक धूल उड़ रही है।


सिटी सेंटर :
पीएम10-142, पीएम 2.5-66, एक्यूआई-128

महाराज बाडा :
पीएम10-128, पीएम 2.5-91, एक्यूआई-121

फूलबाग :
पीएम10-105, पीएम 2.5-84, एक्यूआई-101

डीडी नगर :
पीएम10-142, पीएम 2.5-79, एक्यूआई-136

यातायात व धूल के कणों पर काम करने की जरूरत
ग्वालियर शहर में चलाए गए नेशनल क्लीन एयर प्रोमाम में यह बात सामने आई है कि ग्वालियर शहर में प्रदूषण बढऩे में 30 फीसदी प्रदूषण धूल के कणों से और 40 फीसदी प्रदूषण ट्रैफिक से हो रहा है। 20 मार्च को इंदौर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक सेमिनार भी आयोजित किया गया था, जहां यातायात व सडक़ों की खुदाई के कारण धूल के कणों को नियंत्रण करने की बात कही गई थी।

"शहर की जर्जर व बदहाल सडक़ों से गुजरने वाले वाहनों के चलते धुएं के साथ उड़ती धूल लोगों को काफी नुकसान पहुंचा रही है। धूल के बारीक कण लोगों के फेफड़ों की गहराई तक जा रहे है, इससे गंभीर इफेक्शन भी हो रहा है। मौसम, वायरस के म्युटेशन बदलाव के साथ प्रदूषण के महीन कण से सूखी खांसी के मरीजों की संख्या में तीन से चार गुना इजाफा हो रहा है। मरीजों की सर्दी-खासी लंबे समय तक ठीक नहीं हो रही है।"
डॉ अनुपम ठाकुर, दमा एवं श्वांस रोग विशेषज्ञ

"शहर की जर्जर व बदहाल सडक़ों से उड़ती धूल, बेतरतीब सडक़े खोदने के अलावा शहर में पानी-सीवर की लाइने हर दिन कहीं न कहीं डालना, अन्य निर्माण कार्य सहित कई स्थानों पर खुले में बिल्डिंग मटेरियल पड़ा है। इससे शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है। वाहनों से उडऩे वाले धूल के कण काफी नुकसान दायक है। लोग मास्क पहनकर ही निकले। वहीं निगम हर जगह पानी का छिडक़ाव कराए।"
प्रो सुयश कुमार, विशेषज्ञ साइंस कॉलेज