जिस बांध पर शहर के 50 हजार लोगों की प्यास बुझाने का भार था,वह 100 साल में 13 लाख पर पहुंच गया। वहीं शहर की हवा में वाहनों से निकलने वाला धुआं जहर घोल रहा है। इतना ही नहीं गांवों से कई लोग शहर में पलायन करके आने लगे है जिसके कारण भी आबादी का दबाव बढ़ा,लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा सकी हैं। यदि आगे भी ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले दिनों में शहर की हालत और खराब हो जाएगी।
यह हो रहा
पानी की कमी को पूरा करने के लिए करीब ४०० करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया, इसके लिए एनसीआर से पैसा आवंटित होना है। करीब दो साल बाद ही शहर को चंबल का पानी मिलना संभव हो सकेगा।
पानी की कमी को पूरा करने के लिए करीब ४०० करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया, इसके लिए एनसीआर से पैसा आवंटित होना है। करीब दो साल बाद ही शहर को चंबल का पानी मिलना संभव हो सकेगा।
ट्रैफिक
टै्रफिक कंट्रोल करने स्मार्ट सिटी के तहत करीब 30 करोड़ का प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें ट्रैफिक सिस्टम, ऑटोमैटिक चालान, फेस रीडिंग कैमरा आदि से निगरानी करने जैसे स्मार्ट सिस्टम हैं। हरियाली
एक लाख पेड़ दस सालों में यातायात के दबाव को देखते हुए हाइवे,सड़क और अन्य प्रोजेक्ट निर्माण के लिए काटे जा चुके हैं, जिससे शहर के वातावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। फिलहाल निगम करीब 5 लाख पौधे लगाने की योजना पर काम कर रहा है।
टै्रफिक कंट्रोल करने स्मार्ट सिटी के तहत करीब 30 करोड़ का प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें ट्रैफिक सिस्टम, ऑटोमैटिक चालान, फेस रीडिंग कैमरा आदि से निगरानी करने जैसे स्मार्ट सिस्टम हैं। हरियाली
एक लाख पेड़ दस सालों में यातायात के दबाव को देखते हुए हाइवे,सड़क और अन्य प्रोजेक्ट निर्माण के लिए काटे जा चुके हैं, जिससे शहर के वातावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। फिलहाल निगम करीब 5 लाख पौधे लगाने की योजना पर काम कर रहा है।
सप्लाई हर घर में पानी और सीवर का नेटवर्क बिछाने के लिए करीब ८०० करोड़ का प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, लेकिन इसे पूरा होने में दो साल का समय लग जाएगा। आवास
शहर में करीब 80 हजार लोगों ने आवास की मांग की है। २५ हजार आवास शहर में बनाए जाएंगे। करीब ७ हजार परिवारों के लिए आवासों के निर्माण शुरू हो चुका है।
शहर में करीब 80 हजार लोगों ने आवास की मांग की है। २५ हजार आवास शहर में बनाए जाएंगे। करीब ७ हजार परिवारों के लिए आवासों के निर्माण शुरू हो चुका है।
रेलवे पर दबाव
रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन करीब २५ हजार सीटों की बुङ्क्षकग होती है और करीब ५० हजार लोगों का स्टेशन पर आना जाना होता है, जिससे रेलवे स्टेशन पर भीड़ का दबाव बना रहता है।
रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन करीब २५ हजार सीटों की बुङ्क्षकग होती है और करीब ५० हजार लोगों का स्टेशन पर आना जाना होता है, जिससे रेलवे स्टेशन पर भीड़ का दबाव बना रहता है।
एक नजर यहां भी
80 हजार लोगों ने मांगे हैं खुद के लिए मकान
बढ़ी आबादी के कारण हर तरफ फैल रही अव्यवस्था
30 करोड़ चाहिए ट्रैफिक के दबाव पर नियंत्रण करने के लिए “सरकारी तौर पर जो काम किए जाने चाहिए वह हो रहे हैं, लेकिन सभी काम सरकार नहीं कर सकती। लोग पानी की बर्बादी रोकें, गंदगी करने वालों को रोकें।”
विनोद शर्मा, आयुक्त नगर निगम।
80 हजार लोगों ने मांगे हैं खुद के लिए मकान
बढ़ी आबादी के कारण हर तरफ फैल रही अव्यवस्था
30 करोड़ चाहिए ट्रैफिक के दबाव पर नियंत्रण करने के लिए “सरकारी तौर पर जो काम किए जाने चाहिए वह हो रहे हैं, लेकिन सभी काम सरकार नहीं कर सकती। लोग पानी की बर्बादी रोकें, गंदगी करने वालों को रोकें।”
विनोद शर्मा, आयुक्त नगर निगम।
“ट्रैफिक कंट्रोल करने स्मार्ट सिटी के तहत प्लान बना रहे हैं, ताकि सड़क पर चलने वालों को ट्रैफिक फ्री माहौल प्रदान किया जा सके।”
महीप तेजस्वी, सीईओ स्मार्ट सिटी।
महीप तेजस्वी, सीईओ स्मार्ट सिटी।