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स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल से दी जानकारी

locationग्वालियरPublished: Oct 22, 2019 12:23:20 am

Submitted by:

Harish kushwah

शरीर में मौजूद रक्त कोशिकाएं दो प्रकार की होती हैं। एक आरबीसी (लाल रक्त कोशिकाएं), दूसरी डब्ल्यूबीसी (व्हाइट ब्लड सेल्स)। शरीर से संबंधित जानकारी होना स्टूडेंटस में बेहद जरूरी है।

स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल से दी जानकारी

स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल से दी जानकारी

ग्वालियर. शरीर में मौजूद रक्त कोशिकाएं दो प्रकार की होती हैं। एक आरबीसी (लाल रक्त कोशिकाएं), दूसरी डब्ल्यूबीसी (व्हाइट ब्लड सेल्स)। शरीर से संबंधित जानकारी होना स्टूडेंटस में बेहद जरूरी है। कई एग्जाम में इन दोनों कोशिकाओं में अंतर पूछा जाता है। इनमें मुख्य अंतर यह है कि आरबीसी में केंद्रक नहीं होता। दूसरा प्रश्न हीमोग्लोबिन के रंग को लेकर पूछा जाता है। यह ध्यान रखने योग्य बात है कि हीमोग्लोबिन का रंग लाल होता है, उसका कारण उसमें आयरन की मौजूदगी का होना है। यह बात डॉ. सारिका सिंह ने कही। वह जीवाजी यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग में ‘ब्लड सेल्स’ विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रही थीं। इस दौरान एक्सपर्ट्स ने स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल कराके भी विषय संबंधी जानकारी दी और उनके प्रश्नों के जवाब भी दिए। इस अवसर पर साइंटिफि क ऑफिसर डॉ. साधना श्रीवास्तव, डॉ. जया और डॉ. हेमंत समाधिया उपस्थित रहे।
व्हाइट ब्लड सेल्स बॉडी की प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में मदद करती हैं, जिससे शरीर कई प्रकार की बीमारियों के इन्फेक्शन से बचता है। हेल्दी रहने के लिए यह आवश्यक है कि दोनों प्रकार की कोशिकाओं की स्थिति बेहतर हो। रीढ़ वाले जंतुओं के श्वसन अंगों से आरबीसी ऑक्सीजन लेकर पूरे शरीर में ले जाती है। इनकी औसत आयु 120 दिन है। डब्ल्यूबीसी को शरीर का सिपाही भी कहा जाता है। ये एंटीबॉडी और एंटीजन का निर्माण करती है। जब डब्ल्यूबीसी अपने स्तर से कम संख्या में बनती हैं, तो उस स्थिति में ल्यूकोमिया जैसा घातक रोग हो जाता है।
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