यह काम कराए जाएंगे शांतिधाम में व्यवस्थाएं बेहतर करने के लिए प्रत्येक सेक्टर में उपयंत्री को जिम्मेदारी दी गई है। प्रत्येक सेक्टर में सहायक यंत्री और जनपद सीईओ सप्ताह में बैठक लेकर गांव में बन रहे शांतिधाम में व्यवस्थाओं की जानकारी लेने के बाद काम कराएंगे।
आदर्श शांतिधाम में व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग के लिए गूगल शीट भी तैयार कराई गई है। इसमें शांतिधामों की पूरी स्थिति दर्ज रहेगी। एक महीने में होंगे यह काम प्रत्येक शांतिधाम में दो चबूतरे बनाए जाएंगे, एक शवदाह करने के लिए और एक शव रखने के लिए होगा।
टीनशेड पूरी तरह मानक के अनुसार बनाया जाएगा। चबूतरों के चारों ओर पक्का फर्श बनेगा, ताकि दाहस्थल पर पानी न भरे। शांतिधाम में बाउंड्रीवॉल बनेगी और गेट भी लगेगा। जानवरों आदि से सुरक्षा के साथ पेड़ों को भी सुरक्षित किया जाएगा।
प्रत्येक शांतिधाम में 25 पौधे लगाए जाएंगे, इनमें जो पौधे सूख जाएंगे, उनके स्थान पर पंचायत नए पौधे लगाएगी। झाड़ियां और अनावश्यक घासफूस को साफ करने के बाद हर महीने एक से सात तारीख के बीच सफाई होगी।
हर शांतिधाम में 500 लीटर की टंकी रखवाकर चार नल लगाए जाएंगे। जहां आसपास हैंड पंप आदि नहीं है, वहां सबसे नजदीकी जलस्रोत से पानी लाकर भरा जाएगा। प्रत्येक शांतिधाम तक पहुंचने का रास्ता पक्का किया जाएगा। बैठने के लिए चार पक्की बैंच लगाई जाएंगी।
शांतिधाम के गेट के ऊपर अर्ध चंद्राकार आकार में पीले और लाल रंग से गांव और ग्राम पंचायत का नाम लिखा जाएगा। जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत के शांतिधाम को आदर्श बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। शांतिधाम में 25 पौधे लगाकर पर्यावरण मित्र के रूप में स्थापित किया जाए तो गांव के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता आएगी।
शिवम वर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी-जिला पंचायत