scriptपुजारी परिवार ने सिंधिया पर लगाया मंदिर की जमीन कब्जाने का आरोप | Priest family accuses Scindia of seizing temple land | Patrika News

पुजारी परिवार ने सिंधिया पर लगाया मंदिर की जमीन कब्जाने का आरोप

locationग्वालियरPublished: Jul 08, 2020 05:37:32 pm

शहर के प्राचीन भूतेश्वर महादेव मंदिर को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। मंदिर के पुजारी परिवार का आरोप है कि जमीन हथियाने के लिए सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से

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पुजारी परिवार ने सिंधिया पर लगाया मंदिर की जमीन कब्जाने का आरोप

भोपाल/ग्वालियर. शहर के प्राचीन भूतेश्वर महादेव मंदिर को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। मंदिर के पुजारी परिवार का आरोप है कि जमीन हथियाने के लिए सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से उनको हटाने की कोशिश कर रहा है। पुजारी परिवार की बहू चंद्रवती शर्मा ने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा कि यह राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर किया जा रहा है, जिससे मंदिर की जमीन पर कब्जा किया जा सके।
चंद्रवती ने बुधवार को भोपाल में मीडिया से चर्चा के दौरान यह सनसनीखेज आरोप लगाए। उन्होंने सिंधिया और अधिवक्ता अंकुर मोदी का नाम लेकर कहा कि जमीन हथियाने के इरादे से रसूख का फायदा उठाया जा रहा है। इस संबंध में अधिवक्ता अंकुर मोदी ने कहा, ऐसा कोई मामला मेरी जानकारी में नहीं है और न ही पुजारी के परिवार पर किसी तरह को कोई दबाव बनाया जा रहा है।

विवाद की वजह जमीन
भूतेश्वर मंदिर की करीब 19 बीघा जमीन है। यह 1935 से औकाफ विभाग के देवस्थान भूतेश्वर मंदिर के नाम पर दर्ज है। इसमें लगभग 4 बीघा नगर निगम क्षेत्र ग्वालियर में और अन्य 15 बीघा अन्य स्थानों में स्थित है। पुजारी परिवार आरोप लगा रहा है कि सिंधिया ट्रस्ट ने फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज से पहले भी जमीन बेची है। अब मंदिर से लगी 19 बीघा भूमि को खाली कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

यह भी लगाए आरोप
– ग्वालियर स्टेट के समय से भूतेश्वर महादेव मंदिर औकाफ विभाग की मिल्कियत है इस मंदिर की भूमि मुन्जवता ऐहतमाम महकमा औकाफ रियासत ग्वालियर दर्ज होकर जनरल रजिस्टर क्रमांक 2760.य1 पर दर्ज है। औकाफ में सन् 1935 में उपरोक्त देवस्थान पर दर्ज है। इसका प्रबंधक कलेक्टर ग्वालियर दर्ज है।
– सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट एक अपंजीकृत ट्रस्ट है जबकि मप्र राजपत्र 18 मार्च 1971 की अधिसूचना द्वारा इस ट्रस्ट को 1968 में मप्र पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1951 के प्रावधानों से जो छूट दी गई थी वह 18 मार्च 1971 के गजट द्वारा निरस्त की जा चुकी है।
– उच्च न्यायालय ने 1971 की अधिसूचना को कायम रखते हुए सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट की याचिका निरस्त कर दी गई। उसके बाद से सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट ग्वालियर में रजिस्टर्ड नहीं है।
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