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प्रिंसिपल बनवाता था नकली मार्कशीट… दलाल दबोचा

locationग्वालियरPublished: May 23, 2019 06:41:26 pm

नकली मार्कशीट बनाने के धंधे का पकड़ा गया है, कारोबार का मास्टरमाइंड मोहना में त्रिभुवन निजी कॉलेज का प्रिंसिपल है। उधर पुलिस को पता चला है कि मास्टरमाइंड इससे

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प्रिंसिपल बनवाता था नकली मार्कशीट… दलाल दबोचा

ग्वालियर. नकली मार्कशीट बनाने के धंधे का पकड़ा गया है, कारोबार का मास्टरमाइंड मोहना में त्रिभुवन निजी कॉलेज का प्रिंसिपल है। उधर पुलिस को पता चला है कि मास्टरमाइंड इससे पहले संविदा शाला शिक्षक भर्ती के लिए भी बीएड की नकली अंकसूची बनाने में पकड़ा गया था। उसके दलाल को अरेस्ट किया गया है। उसने पूछताछ में खुलासा किया है कि प्रिंसिपल नकली अंकसूचियां बनाकर छात्रों के नाम से मिलने वाली छात्रवृत्ति भी हड़पता है। इस बार रैकेट का भंडाफोड़ बेरोजगार युवती ने किया है। उसे गिरोह ने बीबीए और पीजीडीसीए के जरिए फर्जी मार्कशीट थमाई थीं।
नितिन नगर निवासी चांदनी ने क्राइम ब्रांच को बताया उसे नौकरी की जरूरत है। इसलिए प्राइवेट संस्थाओं में भी रोजगार के लिए आवेदन लगाए हैं। जरूरी मार्कशीट न होने पर गोसपुरा निवासी सतीश वर्मा से उसकी जान पहचान रही है इसलिए उसे परेशानी बताई थी। सतीश ने वादा किया नौकरी के लिए जरुरी दस्तावेज मुहैया करा देगा। इसमें कुछ पैसा जरुर खर्च होगा। लेकिन मेहनताना तब लेगा जब नौकरी लग जाए। कुछ दिन पहले सतीश ने पीजीडीसीए और बीबीए की नकली मार्कशीट लाकर थमा दी। उन्हें चैक कराया तो दोनों फर्जी थीं तो उसने पुलिस से शिकायत की।
क्राइम ब्रांच एसआई महावीर सिंह ने बताया चांदनी के खुलासे पर सतीश वर्मा को पकड़ा गया है। पूछताछ में सतीश ने बताया कि वह तो मोहरा है। मास्टरमाइंड तो मोहना में त्रिभुवन कॉलेज का प्रिंसिपल लक्ष्मीनारायण चतुर्वेदी है। उसे तो ग्राहक लाने के एवज में सिर्फ 500 रुपया कमीशन मिलता है। किस ग्राहक को किस विषय की अंकसूची देना है उसका सारा डाटा लक्ष्मीनारायण तैयार करता है। इसके अलावा लक्ष्मीनारायण ऐसे ग्राहकों की तलाश में रहता है। उनका ब्यौरा हासिल कर नकली अंकसूची बनाकर कॉलेज में फर्जी दाखिला दिलाता है। फिर उनके नाम से छात्रवृत्ति निकाल कर उसका पैसा हड़पता है। सतीश के खुलासे पर लक्ष्मीनारायण पर भी एफआईआर कर उसे तलाशा जा रहा है।

धंधे का पुराना खिलाड़ी
आरोपी लक्ष्मीनारायण लंबे अर्से से फर्जी अंकसूची बनाने का धंधा कर रहा है। वीरेन्द्र रावत निवासी आरोन को संविदा शाला शिक्षक बनाने के लिए उसने ही 30 हजार रुपए में मुरार में राजीव गोविला से बीएड की नकली मार्कशीट बनाकर दी थी। दो साल पहले वीरेन्द्र रावत के साथ उसे भी थाटीपुर पुलिस ने पकड़ा था। पूछताछ में लक्ष्मीनारायण ने खुलासा किया था मोहना में त्रिभुवन कॉलेज में प्रिंसिपल है। पत्नी कॉलेज की डायरेक्टर हैं।
इन बिंदुओं पर इंवेस्टीगेशन
एसआई महावीर सिंह के मुताबिक आरोपी लक्ष्मीनारायण के पकड़े जाने पर उससे पूछताछ में पता चलेगा कि कब से इस धंधे को ऑपरेट कर रहा है। अब तक कितने लोग उससे फर्जी अंकसूची बनवा कर नौकरी कर रहे हैं। इस धंधे में उसके साथ कौन लोग शामिल हैं। इसके अलावा सरगना लक्ष्मीनारायण किन छात्रों के नाम से अंकसूचियां बनाकर छात्रवृत्ति का पैसा हड़प चुका है। उम्मीद है कि सरगना के पकड़े जाने पर गोरखधंधे में कई खुलासे हो सकते हैं।

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