सवाल ये कि चार दिन पहले निजी पैथोलॉजी पैथकाइंड की पॉजीटिव रिपोर्ट को सही माने या फिर अब जीआर मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब द्वारा जारी कोमल की निगेटिव रिपोर्ट पर भरोसा करे? इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश टुडे ने जब पड़ताल की तो असमंजस की स्थिति और ज्यादा गहरा गई।
जीआरएमसी की वायरोलॉजी लैब में कोरोना का यह टेस्ट ‘रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चैन रिएक्शन’ यानि आरटीपीसीआर मैथड के जरिए करना बताया गया। जबकि प्रायवेट लैब पैथकाइंड भी इसी मैथड के जरिए कोविड-19 का टेस्ट करने का दावा कर रहा है। लिहाजा सवाल अब ये कि दोनो के टेस्ट मैथड एक तो फिर रिपोर्ट अलग क्यो? इस सवाल का जवाब मेडिकल विशेषज्ञों से बातचीत के दौरान सामने आया।
जीआरएमसी में आरटीपीसीआर मैथड से जांच, इसकी रिपोर्ट सटीक
कोरोना वायरस टेस्ट के लिए किसी भी मरीज का सैंपल तब लिया जाता है जब उसकी या तो ट्रेवल हिस्ट्री हो या फिर उसमें लक्षण नजर आए। इन सैंपल का टेस्ट इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च के निर्देश पर आधुनिक तरीके से आरटीपीसीआर के जरिए किया जाता है।
इस मैथड में वायरस डिटेक्ट होने पर कनफर्रमेटिव टेस्ट के जरिए ही पॉजीटिव रिपोर्ट दी जाती है। मतलब ये कि सिम्पल व स्क्रीनिंग टेस्ट के आधार पर कोरोना पॉजीटिव नही बताया जाता है। इस जांच में कोरोना वायरस के डिटेक्ट होने पर ही पॉजीटिव रिपोर्ट दी जाती है। जहां तक सवाल महिला की चार दिन में कोरोना पॉजीटिव से निगेटिव आने की बात है तो यह देखना होगा कि निजी लैब द्वारा किस मैथड से जांच की गई।
डॉ.भरत जैन, विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी विभाग जीआरएमसी
प्रायवेट पैथोलॉजी का दावा आरटीपीसीआर से कर रहें जांच
इस मामले को लेकर प्रायवेट पैथोलॉजी पैथकाइंड से प्रदेश टुडे ने संपर्क किया। बताया गया कि कोविड-19 का टेस्ट आरटीपीसीआर मैथड के जरिए ही किया जाता है। टेस्ट के लिए कलेक्शन सेंटर्स से मरीज का सैम्पल गुरूग्राम स्थित मुख्यालय भेजा जाता है। 4500 रूपए के इस टेस्ट के लिए मरीज का सैंपल गुरूग्राम तक भेजने के लिए थ्री लेयर बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है।
तो ये हो सकती है निगेटिव की वजह
दोनो ही टेस्ट अगर आरटीपीसीआर मैथड से हुए तो फिर चार दिन में एक मरीज की अलग-अलग रिपोर्ट आने का कारण क्या है? इस सवाल का जवाब जानने जब पड़ताल की तो पाया कि हो सकता है कि दूसरी बार जब मरीज के सैंपल लिए गए तो उसमें वायरस आया ही न हो। निगेटिव रिपोर्ट आने के पीछे यह सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। इसीलिए निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी कोमल जैसवानी को फिलहाल जेएएच के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भी भर्ती रहना होगा। करीब 10 दिन बाद फिर से जांच के लिए सैंपल भेजे जाएगें। तीसरी रिपोर्ट अगर कोरोना टेस्ट में निगेटिव आती है तो उन्हे डिसचार्ज दिया जाएगा।
क्या है मैथड और कैसे होती है जांच
* कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए यह टेस्ट दो स्टेज में किया जाता है। इसे टू स्टेज रियल टाइम पीसीआर कहा जाता है। पहले स्टेज में कोरोना वायरस के सामान्य आनुवंशिक तत्वों का पता लगाया जाता है, जो सैंपल में पाए जा सकते हैं। जबकि दूसरे स्टेज में वायरस डिटेक्ट होने पर उन विशिष्ट जीन का परीक्षण किया जाता है जो सिर्फ कोरोना वायरस में मौजूद होते हैं।
* नाक और गले के पिछले हिस्से दो ऐसी जगहें हैं जहां वायरस के मौजूद होने की संभावना ज्यादा होती हैं। इसलिए पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) का ये टेस्ट गले, श्वास नली के लिक्विड और मुंह की लार की सैंपल के स्वैब पर किए जाते हैं।
* इसमें ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जो डीएनए की प्रतियां बनाता है। ‘पोलीमर’ उन एंजाइमों को कहा जाता है जो डीएनए की प्रतियां बनाते हैं। ‘चेन रिएक्शन’ में डीएनए के हिस्से एक से दो और दो से चार करते हुए तेजी से कॉपी किए जाते हैं।
* कोरोना वायरस को डीएनए में बदलने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन नाम की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। ‘रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस’ एंजाइम आरएनए को डीएनए में परिवर्तित करता है। इसके बाद डीएनए की प्रतियां बनाई और बढ़ाई जाती हैं। इन डीएनए को रंगबिरंगा बनाने वाला ‘प्रोब’ वायरस की मौजूदगी के बारे में बताता है। ये टेस्ट कोरोना वायरस को अन्य वायरस से भी अलग करता है।
तो कोमल का नाम दर्ज नही होगा पॉजीटिव में
कोमल जैसवानी का यह पूरा मामला 7 अप्रैल को जिले में मिले 4 मरीजों की तरह दिख रहा है जिनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट जीआरएमसी की वायरोलॉजी लैब ने पॉजीटिव बताई थी। इनमें लता प्रभारी, बबीता वर्मा, अजय जाटव और जोहरा खान का नाम शामिल था। तीसरे ही दिन क्रॉस चैक के लिए डीआरडीईओं में सैंपल भेजने पर इन चारों की रिपोर्ट पॉजीटिव से निगेटिव हो गई। नतीजतन मेडिकल इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च(आईसीएमआर) ने चारों मरीजों को पॉजीटिव नही माना। बताया जाता है कि अगर कोमल की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई तो उसे भी पॉजीटिव आए मरीजों के नाम में दर्ज नही किया जाएगा।