प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिक और नर्सिंग होम को देनी होगी मरीजों की जानकारी
कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगा प्रशासन अब प्राइवेट डॉक्टरों के पास आने वाले सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, सांस की समस्या, निमोनिया, टीवी आदि बीमारियों के मरीजों का हर दिन का डाटा लेगा। निजी पै्रक्टिस करने वाले डॉक्टर, प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिक और नर्सिंग होम में जो भी मरीज आएगा उसकी पूरी जानकारी स्मार्ट सिटी के लिंक पर अपडेट करना पड़ेगी।

ग्वालियर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगा प्रशासन अब प्राइवेट डॉक्टरों के पास आने वाले सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, सांस की समस्या, निमोनिया, टीवी आदि बीमारियों के मरीजों का हर दिन का डाटा लेगा। निजी पै्रक्टिस करने वाले डॉक्टर, प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिक और नर्सिंग होम में जो भी मरीज आएगा उसकी पूरी जानकारी स्मार्ट सिटी के लिंक पर अपडेट करना पड़ेगी।
इस जानकारी को अपडेट करने के लिए दो क्राइटेरिया तय किए गए हैं। पहली श्रेणी में आइएलआइ (इन्फ्लुएंजा लाइक इलनैस) के अंतर्गत जुकाम, खांसी, बुखार आदि बीमारियों का डाटा रखा जाएगा। दूसरी श्रेणी में सारी-(सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) के अंतर्गत जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होगी उनको रखा जाएगा। इसके अलावा निमोनिया, टीवी सहित अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों का डाटा रखा जाएगा।
प्रदेश में पहली बार प्राइवेट मरीजों का रखा जाएगा डाटा
दरअसल, बीते एक महीने से कोविड-19 संक्रमण से लोगों को बचाने में लगे प्रशासन के पास सरकारी अस्पतालों का डाटा तो मौजूद था लेकिन प्राइवेट डॉक्टरों के पास इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों का डाटा एकत्र नहीं हो रहा था। इससे शहर और गांव के बहुत से मरीज छूटने की आशंका बन गई है। इस पूरी जानकारी को इक_ी करने के लिए स्मार्ट सिटी ने अलग से लिंक बनाया है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने इस लिंक के जरिए प्राइवेट डॉक्टर्स के पास आने वाले सभी मरीजों की जानकारी इक_ी करने के निर्देश दिए हैं। इससे इंन्फ्लुएंजा और रैस्पिरेटरी सिंड्रोम से पीडि़त सभी मरीजों की पहचान आसान हो जाएगी। मरीजों का डाटा रखने की पहल प्रदेश में पहली बार स्मार्ट सिटी कर रही है। कोल्ड ओपीडी में सीधे सैंपल देकर आने वाले मरीजों का डाटा इंसीडेंट कमांडरों के पास पहुंचाने के लिए पोर्टल पर अलग से सुविधा शुरू की गई है।
आइसी तक पहुंचेगा कोल्ड ओपीडी का डाटा
- बाहर से आने वाले या इंसीडेंट कमांडरों के पास आने वाली जानकारी के आधार पर हो रही सैंपलिंग की जानकारी आइसी के पास है।
- कोल्ड ओपीडी में पहुंचकर सीधे सैंपल दे रहे मरीजों की जानकारी इंसीडेंट कमांडरों के पास नहीं पहुंच रही थी।
- अब कोल्ड ओपीडी को भी स्मार्ट सिटी से कनैक्ट किया जा रहा है।
- इससे अब जो भी मरीज सैंपल कराएगा, उसकी जानकारी कमांड सेंटर पहुंचेगी, जहां से सीधे इंसीडेंट कमांडर के पास भेज दी जाएगी।
- इंसीडेंट कमांडरों के पास बाहरी मरीज, प्राइवेट डॉक्टरों के पास आने वाले मरीज और सरकारी अस्पताल में आ रहे मरीजों का पूरा डाटा मौजूद रहेगा।
इस तरह होंगे डॉक्टर लिंक
- सभी प्राइवेट डॉक्टरों का डाटा स्मार्ट सिटी में दर्ज किया जा रहा है।
- जिले के किसी भी कस्बे, गांव या नगर निगम क्षेत्र में पै्रक्टिस कर रहे डॉक्टर को पोर्टल पर लॉगइन करना होगा।
- लॉगइन करके डॉक्टर को रजिस्टर करना होगा और पूरे दिन में आए मरीजों का ब्यौरा दर्ज करना पड़ेगा। 0
हमारे पास सरकारी अस्पतालों का डाटा आ रहा था, लेकिन स्वास्थ्य से संबंधित प्राइवेट डाटा नहीं मिल पा रहा था। इसके लिए हमने अब सभी प्राइवेट डॉक्टर्स को लिंक करने का प्लान तैयार किया है। इससे हमारे पास सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे सभी संस्थानों का पूरा डाटा बेस तैयार हो जाएगा।
जयति सिंह, सीईओ-स्मार्ट सिटी
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