हायपरटेंशन से दिल, किडनी और आंखों पर भी असर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. पुनीत रस्तोगी ने बताया कि हायपरटेंशन का असर दिल पर भी पड़ता है। इससे दिल की कई बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं। हाई बीपी की शुरुआत का मतलब है, कई दूसरी बीमारियों को न्योता देना। लंबे समय तक हाइपरटेंशन रहने से शरीर के दूसरे अंगों जैसे दिल, किडनी और आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
हायपरटेंशन के लक्षण हायपरटेंशन में चक्कर आना, धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना, सिर दर्द की शिकायत शुरू होती है। इसके अलावा बेचैनी, थकान, अनिंद्रा, जल्दी गुस्सा आना शुरू हो जाता है। हाइपरटेंशन के कारण व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशान हो जाता है।
हरी सब्जियां, मौसमी फ ल, मेवे हैं फायदेमंद डॉ. एसपी पाटिल ने बताया हायपरटेंशन के पेशेंट को खाने में हरी सब्जियों और फ लों की मात्रा बढ़ानी चाहिए। खाने में लहसुन की मात्रा बढ़ाएं। धनिया, गोभी, नारियल का सेवन व शहद का प्रयोग फायदेमंद है। दूध में हल्दी और दालचीनी का प्रयोग करने से लाभ मिलता है। अखरोट, बादाम, अंजीर, किशमिश आदि मेवे सेहत के लिए अच्छे रहेंगे।
ये रहेगा फायदेमंद हायपरटेंशन से पीड़ित मरीज योग और अध्यात्म का सहारा ले सकते हैं। इसमें प्राणायाम, ध्यान, शवासन योग निद्रा, शशांकासन, पद्मासन, पवन मुक्तासन, कूर्मासन, मकरासन उपयोगी रहेंगे। इनको खतरा अधिक
हायपरटेंशन होने में खानपान की भूमिका महत्वपूर्ण है। अमूमन ज्यादा नमक खाने वाले, नॉनवेज खाने वाले, शराब पीने वाले और ज्यादा तेल-मसाले खाने वालों पर हाई ब्लड प्रेशर का खतरा होता है। ये करें
रेगुलर एक्सरसाइज और भरपूर आराम दोनों बेहद जरूरी हैं। हफ्ते में दो से तीन बार तेल से मालिश करना फ ायदेमंद है। अपने खाने में हरी सब्जियों और फ लों की मात्रा बढ़ाएं।
ऑयली चीजों, नॉनवेज और नशे के प्रयोग से बचें। डिब्बाबंद और बासी खाने से बचें। तनाव से रहें दूर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. दुष्यंत देव के अनुसार अनबैलेंस डाइट, मोटापा और बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल की वजह से हाइपरटेंशन होता है। इसके लिए अपनी लाइफस्टाइल बदलें। प्रॉपर डाइट लें, कम खाएं और अच्छा खाएं। रोजाना व्यायाम करें। योग और मेडिटेशन करना न भूलें। हमेशा तनाव से दूर रहें।