राधे और उसके साथियों ने पुलिस को बताया है कि परमाल का स्लिीपर सेल मजबूत है। यूपी और राजस्थान में भी उसके कई ऐसे मददगार हैं जो पुलिस की नजर से दूर हैं। पंकज की हत्या का प्लान परमाल तोमर कई महीने पहले बना रहा था। हत्या में इस्तेमाल हथियार बिहार से मंगवाए थे। पंकज की हत्या के बाद उन्हें चंबल नदी किनारे शेलू तोमर ने प्लास्टि के डिब्बे में हथियार रखकर रेत में दबा दिए। आरोपी राधे तोमर, शैलू तोमर और बालस्टर तोमर को पुलिस ने बुधवार को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया है। राधे तोमर को पुलिस ने पंकज की हत्या के कुछ दिन ही पहचान लिया था, फुटेज में राधे का चेहरा भिंड के बदमाश रिकूं से मेल खा रहा था इसलिए गफलत में राधे बचता रहा। पकड़े जाने पर राधे पंकज हत्याकांड से जुड़े तमाम राज बता रहा है,लेकिन हत्या का मास्टर माइंड परमाल तोमर कहां छिपा है उन ठिकानों के बारे में नहीं बोल रहा है।पंकज सिकरवार की 10 जुलाई की दोपहर हत्यारों ने घेरकर हत्या की थी।
मुखबिर क्यों बना दुश्मन
अब पुलिस को उस मुखबिर की तलाश है जो पंकज के बारे में हर पल की लोकेशन हत्यारों को दे रहा था। भेदिये कि पंकज से क्या दुश्मनी थी पकडे गए तीनों आरोपी भी नहीं बता पाए हैं। उनकी दलील है कि मुखबिर भी पंकज के घर से कुछ दूरी पर है इसलिए टॉस्क दिया था। क्योंकि पंकज के घर के आसपास गिरोह का कोई भी मेंबर जाता तो पंकज उसे पहचान कर इरादे भांप जाता। इसलिए ऐसे मुखबिर को फिट किया जिस पर शक नहीं हो। पंकज की जान लेने में अहम भूमिका निभाने वाला मुखबिर हत्या में आरोपी रमन चौहान का नजदीकि है।
सरपंच का भाई मददगार
पंकज सिकरवार हत्याकांड में पुलिस ने सरपंच के भाई को घेरे में लिया है। क्योंकि इसके जरिए शूटर और परमाल तोमर शताब्दीपुरम में पनाह लिए थे। इसी मददगार ने उन्हें पंकज की हत्या के बाद जम्मू जाने के लिए लक्जरी कार मुहैया कराई थी और खुद भी उनके साथ गया था। गिरोह का प्लान लंबे समय तक जम्मू में रुकने का था लेकिन सिर्फ तीन दिन रुक कर वहां से गिरोह लौट आया। उसके बाद बदमाशों ने तय किया कि एक साथ रहने पर पुलिस पकड़ सकती है इसलिए हत्यारोपी तितर बितर हो गए।