राजस्व मंत्री कांगड़ ने कहा, पूरे मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को देंगे। दोषी अफसरों पर कार्रवाई कराएंगे।मंगलवार सुबह 11 बजे पंजाब सरकार के राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ की अगुवाई में विधायक हरमिंदर सिंह गिल, कुलदीप सिंह वेद, पटियाला डिवीजन कमिश्नर दीपिंदर सिंह, राजस्व विभाग के एडिशनल सेकेट्री करनेल सिंह, राजस्व सलाहकार नरिंदर सिंह, पंजाब एनर्जी डवलपमेंट एजेंसी (पेडा) के अध्यक्ष व पूर्व सांसद हरविंदर सिंह हंसपाल, राजस्व मंत्री के ओएसडी कुलदीप सिंह धारीवाल कराहल पहुंचे। यहां टीम ने कूनो रिसोर्ट में पीडि़त सिख परिवारों के साथ सिख प्रतिनिधि मंडल से बंद कमरे में चर्चा की।
करीब दो घंटे तक बातचीत हुई। पंजाब सरकार टीम ने कलेक्टर प्रतिभा पाल व पुलिस अधीक्षक नगेन्द्र सिंह से चर्चा की। टीम ने कलेक्टर प्रतिभा पाल से कहा, आपको पता है। यहां सिख परिवारों पर हुई बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के बाद पंजाब में किस तरह की चर्चाएं हैं। इसलिए हकीकतजानने हम लोगों को आना पड़ा। राजस्व मंत्री ने कलेक्टर से पूछा प्रदेश में और कहीं इस तरह बर्बरतापूर्ण कार्रवाई हुई हो तो बताओ। कलेक्टर ने कहा ग्वालियर में आप देख सकते हैं।
अकाली दल के सांसद बोले.. कमलनाथ ने नहीं ली सीख
टीम तो इस मामले की जांच करने पहुंची ही थी इसके अलावा सिरोमणि अकाली दल के सांसद प्रेमसिंह चंदूमांधरा और बलविंदर सिंह धुंधल भी कराहल पहुंचे। चंदूमांधरा ने कहा, सिख परिवारों को टारगेट कर निशाना बनाया है। बिना कोई समय दिए प्रशासन ने कार्रवाई कर दी। प्रशासन भी इस मामले को लेकर झूठ बोल रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अब भी सीख नहीं ले रहे हैं।
सीएम का नाम बदनाम करने की साजिश
पंजाब सरकार के राजस्व मंत्री ने कहा, इस कार्रवाई में सीएम कमलनाथ का नाम बदनाम करने की साजिश कुछ शरारती तत्वों द्वारा की गई है। कुछ लोग इसमें राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रहे हैं। लेकिन ऐसे लोग जल्द खत्म हो जाएंगे। जिन लोगों के घर तोड़े गए हैं उनको मुआवजा दिलाने की कोशिश की जाएगी। कार्रवाई को किन-किन अफसरों से लीड किया उनके नाम हमने ले लिए हैं।
टीम के साथ चर्चा के दौरान प्रशासन की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल पर एसपी नगेन्द्र सिंह ने टीम के सदस्यों से कहा, वर्ष 2011 में एक तहसीलदार ने पट्टे वितरण में गड़बड़ी की। जिनकी जांच चल रही है। टीम के सदस्यों ने कहा, पहले उस अफसर पर कार्रवाई करते उसके बाद यह कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन यहां तो पहले कार्रवाई की गई।
टीम के एक सदस्य को पहले विधायक सीताराम आदिवासी ने माला पहनाई और उसके बाद कहा, आदिवासियों की जमीन इन लोगों ने दबा रखी है। यह ट्राइबल क्षेत्र है इसमें कोई अपना घर नहीं बना सकता है। बाहर से आए लोगों ने आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर रखा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ आदिवासियों को चाहते हैं इसलिए उन्होंने जमीन मुक्त कराने के लिए कार्रवाई की। लेकिन बाहर से जांच दल आकर आदिवासियों को डरा रहे हैं। इस पूरे मामले को मैं विधानसभा में उठाऊंगा। आदिवासी डरे सहमे हैं।