इस नक्षत्र में गाड़ी, मकान, दुकान, सोना, बर्तन की खरीददारी शुभ रहती है। ज्योतिषाचार्य पंडित रमाकांत बुधौलिया के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र होते हैं और उनमें आठवां नक्षत्र पुष्य होता है। पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना गया है अैर इस नक्षत्र के स्वामी शनि हैं जबकि देवता स्वयं बृहस्पति हैं जिसका कारक सोना है।
विशेष फलदायी है पुष्य
पंडित शैलेंद्र मुडिय़ा के अनुसार 21 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का समय दोपहर 1.39 से 22 अक्टूबर की दोपहर 3.38 तक रहेगा। इस वर्ष दीपावली से पहले दो दिन पुष्य नक्षत्र होने से इसका महत्व कई गुना अधिक बढ़ जाएगा। सोमवार व मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से यह विशेष फलदायी है। सोमवार के दिन सोना, चांदी, पुस्तक, वही – खाते व धार्मिक बस्तुएं ले सकते हैं और मंगलवार को मकान, सजावट की बस्तुएं, सोफा, वाहन आदि की खरीद कर सकते हैं।
चौघडिय़ा मुहूर्त
लाभ चौघडिय़ा: शाम – 4.33 से 5.39 तक
शुभ चौघडिय़ा – रात्रि – 7.33 से 9.05 तक
22 अक्टूबर को खरीदी के चौघडिय़ा मुहूर्त
लाभ चौघडिय़ा – दोपहर – 12.12 से 1.39 तक
अमृत चौघडिय़ा – दोपहर – 1.39 से 3.05 तक