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जेल की सुरक्षा पर उठे सवाल, बंदी के भागने की साजिश में शामिल था सिपाही,जानिए क्या था उसे लालच

locationग्वालियरPublished: Aug 08, 2018 01:29:34 am

Submitted by:

Rahul rai

जेल से निकल कर अस्पताल में भर्ती हुआ था, वहां सिपाही मानसिंह को उसने लालच दिया कि चिरवाई पर उसकी करोड़ों रुपए की जमीन है, इसके पीछे ही उसने हत्या की थी, अगर वह उसे फरार करने में मदद करेगा तो उसे कीमती जमीन पर प्लॉट देगा

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जेल की सुरक्षा पर उठे सवाल, बंदी के भागने की साजिश में शामिल था सिपाही,जानिए क्या था उसे लालच

ग्वालियर। जेएएच के सजर्री वार्ड से 29 जुलाई को सुबह हत्या का आरोपी बंदी भूपेन्द्र गुर्जर प्लानिंग से फरार हुआ था, इस साजिश में जेल का सिपाही मानसिंह शामिल था। अब बंदी जेल अधिकारियों के सामने खुलासा कर रहा है कि सिपाही मानसिंह से प्लॉट की डील हुई थी, उस दिन दूसरा सिपाही बृजभूषण ड्यूटी पर आने में लेट हो गया था तो मानसिंह ने उसकी हथकड़ी ढीली कर दी थी।
इस खुलासे से जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। एडीजीपी गाजीराम मीणा ने सिपाही पर एफआइआर के आदेश दिए हैं। उधर पुलिस बंदी भूपेन्द्र से हथकड़ी का दूसरा हिस्सा बरामद नहीं कर पाई है।
जेल सूत्रों के मुताबिक बंदी भूपेन्द्र गुर्जर को जेल की त्रिवेणी सेल में बंद किया गया है। वह कस्टडी से फरार होने की ठोस वजह नहीं बता सका है। कह रहा है कि कई दिनों से भागने की फिराक में था, इसलिए जेल से निकल कर अस्पताल में भर्ती हुआ था, वहां सिपाही मानसिंह को उसने लालच दिया कि चिरवाई पर उसकी करोड़ों रुपए की जमीन है, इसके पीछे ही उसने हत्या की थी, अगर वह उसे फरार करने में मदद करेगा तो उसे कीमती जमीन पर प्लॉट देगा।
इसी लालच में सिपाही ने उसकी मदद की थी। उसने वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों की नजर बचाकर हथकड़ी ढीली की थी। सिपाही के सामने ही वह पलंग से उठकर भागा था। सिपाही साजिश में शामिल था, इसलिए उसके फरार होने के बाद काफी देर तक चुप रहा।
जब वह अस्पताल से बाहर निकल गया, तब आरक्षक ने हो हल्ला किया। भूपेन्द्र 26-27 जुलाई की रात को जेल से जेएएच के सजर्री वार्ड में भर्ती हुआ था। उसकी निगरानी के लिए जेलकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। २९ जुलाई को सुबह आरक्षक मानसिंह और बृजभूषण की डयूटी थी। मानसिंह तो अस्पताल पहुंच गया, लेकिन बृजभूषण नहीं आया था।
एडीजीपी ने पूछा-क्यों भागे

जेल एडीजीपी गाजीराम मीणा ने मंगलवार को जेल निरीक्षण के दौरान त्रिवेणी सेल में भूपेन्द्र से पूछताछ की। सवाल किया आखिर कस्टडी से क्यों भागा, इसकी भूपेन्द्र कोई ठोस वजह नहीं बता सका, फिर कसमें खाने लगा कि दोबारा ऐसी गलती नहीं करेगा। कुछ भी हो सजा पूरी होने तक जेल में रहेगा।
जेल और पुलिस अधिकारी आमने-सामने
जेल अधिकारियों का कहना है अस्पताल से हथकड़ी का एक सिरा लेकर भागा था, पुलिस उसे बरामद नहीं कर पाई है, जबकि बंदी पुलिस से ही खुलासा कर चुका है कि अस्पताल से फरार होकर मेहगांव में बुआ के घर गया था, वहां फुफेरे भाई आनंद ने हथकड़ी काटकर छिपाई थी, लेकिन पुलिस हथकड़ी का दूसरा सिरा बरामद नहीं कर पाई है। उधर कंपू पुलिस का कहना है कि बंदी के फरार होने के बाद एफआइआर में जेल अधिकारियों ने हथकड़ी का खुलासा नहीं किया था।
सिपाही पर होगी एफआइआर
बंदी ने सिपाही से सांठगांठ कर फरार होने का खुलासा किया। हत्यारोपी को फरार करने में सिपाही की मिलीभगत सामने आई है, तो उस पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। जेल अधीक्षक को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
जीआर मीणा, एडीजीपी जेल

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