संदलपुर में आया वन भूमि का अड़ंगा
डबरा-ग्वालियर के बीच संदलपुर में जहां तीसरी रेल लाइन का काम हो रहा है वहां वन भूमि का मामला सामने आया है। इस भूमि से ही रेल लाइन को निकाला जाना है। इस भूमि पर बन विभाग ने अपना दावा दिखाया है। आधिकारिक सूत्र के अनुसार मामला सुलझ लिया है। रेल लाइन का काम जो धीमी गति से चल रहा था उसमें तेजी आएगी।
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इधर झांसी-दतिया के बीच 30 फीसदी काम
झांसी-दतिया के बीच 576 करोड़ की लागत से रेलवे ने तीसरी रेल लाइन का काम 30 फीसदी काम पूरा हो चुका है। फिलहाल पुल और इमारतों को काम चल रहा है।
कार्य की गति भी धीमी
ग्वालियर-श्योपुर ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट चल रहा है, जिसमें अभी केवल मुरैना जिले में ही काम चल रहा है। श्योपुर में अभी तक धरातल पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि जिला प्रशासन ने जिले की 45 गांवों में सरकारी जमीन के आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर दी है, लेकिन निजी जमीन के अधिग्रहण के लिए 100 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।
इंटरसिटी को झांसी से चलाया जाना, ग्वालियर के साथ अन्याय : सांसद
रेलवे बोर्ड ने ग्वालियर-इंदौर-रतलाम इंटरसिटी एक्सप्रेस (11125-26) का संचालन झांसी स्टेशन से करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर सांसद विवेक शेजवलकर ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। इसमें सांसद ने ग्वालियर की जगह झांसी से ट्रेन चलाए जाने को ग्वालियर वासियों के साथ अन्याय बताते हुए लिखा है कि इससे यहां के कोटे में कमी आ जाएगी।
सांसद ने मंत्री से अनुरोध किया है कि इंटरसिटी का संचालन पूर्व प्रस्तावित ग्वालियर स्टेशन से ही किया जाएगा। इंदौर मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी है और व्यापार के सिलसिले में ग्वालियर से रोजाना लगभग 400 लोग सफर करते हैं। पहले भी इस ट्रेन को झांसी से चलाने की बात उठी थी तब से एक लिंक एक्सप्रेस (21801) का संचालन किया जा रहा है। इससे झांसी की जरूरत पूरी हो गई है, इसके बावजूद इंटरसिटी को झांसी से चलाने का निर्णय लिया जा रहा है।