वहीं कुछ बिना टिकट यात्री भी हैं। खैर रेलवे को इन सब यात्रियों से अच्छा राजस्व मिला है। अभी भी इस तरह के यात्री ट्रेनों में पकड़े जा रहे है। रेलवे ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में अपनी ट्रेनें के नंबर बदलकर स्पेशल के रूप में ट्रेनों का संचालन किया, लेकिन इन ट्रेनों का किराया काफी ज्यादा रेलवे ने वसूला है। हालात यह हो गए थे कि तीस किलोमीटर से लेकर तीन सौ किलोमीटर तक का किराया एक समान ही रेलवे ने वसूला था। लेकिन अब स्पेशल ट्रेनें बंद हो गई हैं।
12 टीटी दिन में 40 से 48 ट्रेनों में करते है चेकिंग
ग्वालियर से निकलने वाली लगभग 120 ट्रेनों में से 40 से 48 ट्रेनों में 12 टीटी द्वारा चेकिंग की जाती है। इसमें सुपर फास्ट से लेकर पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। एक टीटी दिन में चार चार ट्रेनों में चेकिंग करता है। यह चेकिंग स्टाफ ग्वालियर से दूसरे बड़े स्टेशनों तक जाते हैं।
इन ट्रेनों में मिलते हैं जनरल टिकट
ग्वालियर से निकलने वाली अधिकांश ट्रेनों में अभी जनरल टिकट की सुविधा शुरू नहीं हुई है। लेकिन कुछ ट्रेनों में यह सुविधा शुरू की गई है। उसमें ताज एक्सप्रेस, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, ग्वालियर भोपाल इंटरसिटी, दिल्ली जाने के लिए श्रीधाम और महाकौशल, ग्वालियर से खुजराहो के बीच खुजराहो इंटरसिटी के साथ पैसेजर ट्रेनों में ग्वालियर- इटावा, इटावा से झांसी, आगरा झांसी झांसी से आगरा, ग्वालियर - भिंड पैसेंजर में जनरल टिकट की बिक्री हो रही है।
इस महीने जनरल टिकट बढ़ेंगे
रेलवे अपनी अधिकांश सभी ट्रेनों में जनरल टिकट की शुरुआत करने जा रहा है। इसके चलते अब जल्द ही और ट्रेनों में यह सुविधा शुरू होने जा रही है। रेलवे सूत्रों की माने तो बरौनी मेल और चंबल एक्सप्रेस में दस दिन के अंदर जनरल टिकट मिलना शुरू हो जाएंगे।