नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नैरोगेज ट्रेन के डिब्बों की नीलामी न करने के संबंध में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा - दरअसल, हाल ही में रेलवे ने नैरोगेज ट्रेन के 29 डिब्बों को कंडम घोषित किया था और इनमें से 18 डिब्बों की नीलामी भी कर दी गई थी. बाकी बचे 11 डिब्बों की नीलामी की प्रक्रिया भी चल रही है. इसको लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को नैरोगेज ट्रेन के डिब्बों की नीलामी न करने के संबंध में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा था.

सिंधिया ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि ग्वालियर-श्योपुर मार्ग पर नैरोगेज ट्रेन बंद होने के बाद उन्होंने ग्वालियर में नैरोगेज के वर्तमान ट्रैक पर सिटी ट्रेन चलाने का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव के आधार पर मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन फिजिबिलिटी स्टडी और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा काम्प्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान पर काम किया जा रहा है. इसके बाद नैरोगेज हेरिटेज ट्रेन और मेट्रो के संचालन का निर्णय होगा. सिंधिया ने पत्र में तब तक नैरोगेज के डिब्बों की नीलामी न करने का अनुरोध किया.
उन्होंने आइआरसीटीसी के माध्यम से भी इस ट्रेन के संचालन के लिए रेल मंत्री से अनुरोध किया. इस पर रेलवे ने ये सकारात्मक जवाब दिया है. उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद मुख्यालय के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डा. शिवम शर्मा के मुताबिक रेलवे ने उन्हीं डिब्बों की नीलामी की, जिनकी 25 वर्ष की अवधि पूरी हो चुकी थी. अभी रेलवे के पास नैरोगेज के 17 इंजन और चलाने लायक स्थिति के डिब्बे भी उपलब्ध हैं. ऐसे में ग्वालियर में टूरिस्ट ट्रेन के संचालन का निर्णय होने पर किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी.